सावधान! भारतीय बच्चे जमकर खोज रहे हैं गंदी साइटें...

गुरुवार, 27 अप्रैल 2017 (19:28 IST)
क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है कि मोबाइल फोन और कम्प्यूटर पर आपके बच्चे क्या कर रहे हैं? जिन बच्चों के पास उपलब्ध इन दोनों संसाधनों में इंटरनेट सुविधा है, आपने कभी यह खोजने की जहमत उठाई है कि बच्चे इनका इस्तेमाल ज्ञान प्राप्ति के लिए कर रहे हैं या और किसी काम के लिए? यदि आप इन तमाम चीजों से बेखबर हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि कंप्यूटर सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी मैकफी ने जो रिपोर्ट दी है, वह नींद उड़ाने वाली है। 
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों की तुलना में भारतीय बच्चों में गंदी और आपत्तिजनक वेबसाइटों को देखने की संख्या कहीं ज्यादा है। गंदी वेबसाइट के कारण उनका मानसिक और शारीरिक विकास प्रभावित हो रहा है।
 
मैकफी के सर्वे में शामिल आधे से ज्यादा भारतीय माता-पिता ने स्वीकार किया कि उनके बच्चे अनुचित वेबसाइट्स पर जाते हैं। आपत्तिजनक वेबसाइटों पर पर जाने के मामले में भारतीय बच्चे 13 अन्य देशों से आगे हैं। सूचना क्रांति के इस युग में अब वक्त आ गया है कि माता पिता अपने बच्चों पर नजर रखे कि वे इंटरनेट का उपयोग किस काम के लिए कर रहे हैं। वे अपने कोर्स से संबंधित मैटेरियल देख रहे हैं या गंदी साइटों को देखकर बिगड़ रहे हैं। 
 
मैकफी की रिपोर्ट के अनुसार ऑस्ट्रेलिया के 26 प्रतिशत, ब्राजील के 45 प्रतिशत, फ्रांस के 41 प्रतिशत, अमेरिका के 37 प्रतिशत और ब्रिटेन के 23 प्रतिशत बच्चे गंदी साइटों पर जाते हैं। 84 प्रतिशत भारतीय पैरेंट्स अपने बच्चों को इंटरनेट कनेक्टेड डिवाइस के साथ बिस्तर पर जाने की अनुमति देते हैं। 
 
भारत के कई घरों में अभिभावकों ने अपने बच्चों के लिए इंटरनेट के इस्तेमाल करने के लिए वक्त निर्धारित कर रखा है। यह बात अलग है कि इंटरनेट पर बच्चे क्या देख रहे हैं, यह जानने की कोशिश ज्यादातर मां बाप नहीं करते। 
 
मैकफी के दक्षिण एशिया के मैनेजिंग डायरेक्टर आनंद राममूर्ति का कहना है, हर तरह से जुड़ी दुनिया में पैरेंट्स अपने बच्चों के मामले तकनीक इस्तेमाल को लेकर अहम भूमिका अदा करते हैं। उन्हें समझना चाहिए कि उनके बच्चे तकनीक से किस कदर प्रभावित हो रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि माता-पिता को परिवार में कनेक्टेड डिवाइस से संपर्क पर नज़र रखनी चाहिए ताकि सुरक्षा और निजता को सुनिश्चित किया जा सके। इस स्टडी में 13,000 उन वयस्कों को शामिल किया गया जो इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं.सर्वे में ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इंडिया, इटली, मेक्सिको, नीदरलैंड्स, सिंगापुर, स्पेन, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल थे।

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