अब समय आया है कि हम जोशीमठ और तथाकथित विकास में से एक को चुन लें। आज जैसा कठिन समय हम सबके सामने आया है, उसमें अब हमें यह निश्चय कर लेना होगा कि हम जोशीमठ को बनाए-बचाए रखना चाहते हैं या फिर उसकी कीमत पर टनल और बाईपास चाहते हैं? यह निर्णय इसलिए कर लेना होगा, क्योंकि जो संकेत मिले हैं उससे यह तय हो गया है कि दोनों का सामंजस्य नहीं बन सकेगा।