Gold and Silver Prices fall after Diwali: वैश्विक स्तर पर शांति की बढ़ती उम्मीदों और त्योहारी सीजन खत्म होने के बाद सोने और चांदी के दामों में जिस तरह से उच्चतम स्तर से बड़ी गिरावट देखने में आई है, उसने निवेशकों के कान खड़े कर दिए हैं। मुनाफा वसूली के साथ ही डॉलर की मजबूती भी सोने चांदी की कीमतों में गिरावट की वजह बनी। बहरहाल वर्तमान स्थितियों में निवेशकों का ध्यान सोने से कुछ कम हुआ है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में सोना-चांदी बाजार में और गिरावट दर्ज हो सकती है। एमसीएक्स पर 5 दिसंबर की एक्सपायरी वाला गोल्ड रेट अपने हाई से करीब 9000 रुपए के आसपास गिरकर 1.22 लाख के करीब आ गया, वहीं चांदी भी बुरी तरह फिसलकर शुरुआती कारोबार में 1.45 लाख रुपए पर आ गई। 10 दिन में चांदी लगभग 31,000 रुपए सस्ती हो गई जबकि 7 दिन सोने के दाम भी करीब 8000 रुपए प्रति 10 ग्राम गिर गए।
सोने और चांदी की डिमांड में कमी : दिवाली-धनतेरस पर जोरदार खरीदारी के बाद सोने और चांदी की डिमांड में कमी आई है और इसके चलते दोनों के दाम तेजी से फिसले हैं। निवेशकों ने भी इस मौके पर जमकर मुनाफा वसूली की। एक्सपर्ट्स ने भी निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। हालांकि शादी-ब्याह की सीजन शुरू होने के बाद दोनों ही धातुओं में एक बार फिर मांग आ सकती है। आने वाले समय में अगर डॉलर कमजोर हुआ और अमेरिका मंदी की चपेट में आया तो सोने चांदी के दाम में आग लग सकती है।
तब तेजी से बढ़ी थी चांदी, और फिर... : पुराने इतिहास पर नजर डालें तो 2008 से 2011 के बीच चांदी कीमतें तेजी से बढ़ी थीं। 29 अप्रैल 2011 को 47.9 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया था, जो साल 1980 के बाद से रिकॉर्ड हाई था। तब यह भी चर्चा चली थी कि चांदी 100 डॉलर तक पहुंच जाएगी। निवेशकों ने चेतावनियों के बावजूद हर गिरावट पर खरीदारी की, लेकिन कुछ ही दिनों में बाजी पलट गई। मई 2011 में चांदी समेत अन्य कमोडिटीज में भारी गिरावट देखने को मिली। एमसीएक्स पर महज पांच कारोबारी दिनों में ही चांदी 48 डॉलर से 33 डॉलर पर आ गई। अर्थात इसमें 31 फीसदी की भारी भारी गिरावट दर्ज की गई।