पटना। नेपाल में गिरफ्तार किए गए आईएसआई एजेंट शमशुल हुदा ने पुलिस पूछताछ के दौरान बताया कि भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों तबाही की साजिश रचने के लिए उसे तीन करोड़ रुपए दिए गए थे। उसने कहा कि भारत के सीमाई क्षेत्रों में तबाही मचाने के लिए तीन करोड़ रुपए सिर्फ गिरोह पर खर्च करने को मिले थे। उनका इरादा भारतीय रेल को निशाना बनाना और देश में जानमाल को क्षति पहुंचाना था।
विदित हो कि बीते दिनों बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासहन रेलवे स्टेशन के पास रेल पटरियों को बम से उड़ाने की आतंकी साजिश नाकाम कर दी गई थी। इसके बाद आतंकियों ने कानपुर के पास पुखरायां में ट्रैक को विस्फोट से उड़ाकर इंदौर-पटना एक्सप्रेस को दुर्घटनाग्रस्त कर दिया था, जिसमें करीब 150 लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए थे।
ब्रजकिशोर ने अरुण व दीपक को आठ लाख रुपए दिए थे। दुबई से जितने भी पैसे शमशुल भेजता था, उसका वह हिसाब लेता था। ब्रिजकिशोर खबरों को लेकर संजीदा रहता था। गिरोह के बदमाश खबरों को ब्रजकिशोर तक पहुंचाते थे, जो दुबई भेजी जाती थीं और फिर दुबई से यह जानकारी पाकिस्तान में बैठे आईएसआई अधिकारियों तक पहुंचाई जाती थी।
शमशुल हुदा की गिरफ्तारी के बाद एनआईए की एक टीम शमशुल से पूछताछ करने के लिए वहां मौजूद है। एनआईए टीम का मानना है कि वह शमशुल से तोड़फोड़ की घटनाओं में उसकी और उसके आईएसआई के संरक्षकों की भूमिका जानना चाहती है। सूत्रों का कहना है कि मामले की छानबीन करने के लिए रॉ व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी भी नेपाल में डेरा डाले हैं।
नेपाल पहुंची एनआईए टीम शमसुल समेत चार लोगों की गिरफ्तारी के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों के भी नेपाल पहुंचने की सूचना है। बताया गया कि एनआईए की टीम शमसुल से सुराग पाने की कोशिश में है। रॉ व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों के भी नेपाल पहुंचने की बात कही जा रही है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।