कश्मीर में ISIS पर एजेंसियों में घमासान

सुरेश एस डुग्गर

सोमवार, 20 नवंबर 2017 (19:54 IST)
श्रीनगर। कश्मीर में एक आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने के बाद कश्मीर में आईएसआईएस के वजूद और मौजूदगी पर चल रहा घमासान तेज हो गया है। पुलिस महानिदेशक ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा है कि कश्मीर में आईएसआईएस का न ही कोई वजूद है और न ही मौजूदगी। पर खुफिया एजेंसियां डीजीपी के इस बयान से सहमत नहीं हैं। वे कहती हैं कि वे आईएसआईएस के मामले पर कोई रिस्क नहीं ले सकती। उनके मुताबिक आईएसआईएस का खतरा बहुत बढा है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
 
डीजीपी कहते थे कि शहर में आईएसआईएस का झंडा फहराने वालों में कोई भी आतंकवाद से जुड़ा नहीं है। उनका कहना था कि जकूरा का आतंकी हमला मात्र एक आतंकी हमला था और पुलिस इस मामले में जांच कर रही है और आईएसआईएस का झंडा फहराने के सिलसिले में अब तक जितने भी लोगों की पहचान की गई है उनमें से कोई भी आतंकवाद से जुड़ा नहीं है।
 
पुलिस महानिदेशक के बकौल इस घटना में शामिल लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सेना ने इस मामले पर आवाज उठाई थी और कहा था कि यह चिंता का विषय है और सुरक्षा की दृष्टि से इस पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
 
शहर के पुराने इलाके में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ युवाओं ने आईएसआईएस का झंडा फहराया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने झंडा क्यों फहराया इसके बारे में पूछताछ पूरी होने के बाद ही पता चल सकेगा। इतना जरूर था कि पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के शासनाकाल में उन्होंने इन घटनाओं को को कुछ मूर्ख लोगों द्वारा किया गया कार्य बताया था, जिसे मीडिया दुर्भाग्यवश तवज्जो दे रही है।
 
पिछले एक अरसे से कई बार कश्मीर में आईएसआईएस के झंडे लहराने की खबरें आईं थी। इन घटनाओं के बाद कहा जाने लगा था की आईएसआईएस ने भारत में दस्तक दे दी है। अब इस मुद्दे पर यह कहा जा रहा है कि आईएसआईएस के झंडे लहराने की जो घटनाएं सामने आई थीं, उन झंड़ा लहराने वाले व्यक्तियों में किसी का भी संबंध किसी भी आतंकवादी संगठन से नहीं है।
 
बताया जाता है कि पुलिस ने इस मामले में जांच की है। इस जांच में उन्हें झंड़ा लहराने वाले अधिकांश लोगों की पहचान कर ली है। इनमें से किसी का भी संबंध किसी भी आंतकी ग्रुप से नही है। वैसे आईएसआईएस का झंड़ा लहराने वाले लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
 
सेना ने भी पुराने शहर क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ युवाओं द्वारा आईएसआईएस झंडे के लहराते पर चिंता जताई थी। अधिकारियों ने कहा कि इन हालात में उन्होंने झंडा क्यों लहराया इस बारे में जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। इससे पहले भी यह कहा जाता रहा था कि रियासत में आईएसआईएस का झंडा लहराना कुछ मूर्खों की अफसोसजनक करतूत है, रियासत में आईएसआईएस का कोई दखल नहीं है।
 
पुलिस महानिदेशक कहते थे कि ये आपको समझना होगा कि अब तक घाटी में आईएसआईएस से जुड़ा कोई समूह या संगठन नहीं पाया गया है न ही ऐसी कोई खबर है। कुछ मूर्ख आईएसआईएस का झंडा लहरा दें इसका अर्थ ये नहीं है कि घाटी में आईएसआईएस मौजूद है। हालांकि कुछ अधिकारी कहते थे कि मीडिया द्वारा इस मुद्दे को बिना बात का तूल देना सही नहीं है, सरकार इस बारे में अपनी तरफ से हर संभव कोशिश करके सच का पता लगा रही है। 
 
दूसरी ओर खुफिया एजेंसियां इस मामले को हलके से नहीं ले रही हैं। उनका मानना है कि लोन वोल्फ अटैक का तरीका आईएसआईएस का ही है और आने वाले दिनों में इसमें वृद्धि होने का अंदेशा पर है। इस घमासान का परिणाम यह है कि राज्य की जनता के दिलोदिमाग पर अब आईएसआईएस का खतरा और दहशत मंडराने लगी है।

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