इस टेस्ट के तीन दिन बाद यानी 24 सितंबर को मंगलयान के इंजन को असली इम्तिहान देगा होगा। उस दिन इंजन को 24 मिनट तक फायर किया जाएगा, ताकि मार्स ऑर्बिटर मिशन की स्पीड स्लो की जा सके और इसे मंगल की कक्षा में स्थापित किया जा सके।
इसरो के वैज्ञानिक इसमें सफल रहे, तो भारत पहली ही कोशिश में कामयाबी हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश होगा। इससे पहले अमेरिका, रूस और यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने कई कोशिशों के बाद अपने ऑर्बिटर मंगल की कक्षा में स्थापित कर पाए थे।
मंगल की कक्षा में स्थापित हो जाने के बाद मंगलयान इसके वायुमंडल, खनिजों और संरचना का गहन अध्ययन करेगा। मंगल के वैज्ञानिक अध्ययन के अलावा यह मिशन इसलिए भी अहम है, क्योंकि यह भारत के लिए दूसरे ग्रहों की जांच करने के सफल अभियानों का आगाज़ करेगा। तो आगे के हालात का जवाब अभी वक्त के पास है। (एजेंसी)