शहादत में सबसे आगे है जम्मू कश्मीर पुलिस, 1989 से अब तक 1700 से ज्‍यादा ने गंवाई जान

सुरेश एस डुग्गर

रविवार, 26 अक्टूबर 2025 (14:36 IST)
Jammu Kashmir Police News : देश में जब शहादत देने की बात आती है तो जम्मू कश्मीर पुलिस को भूला नहीं जा सकता। आधिकारिक तौर पर इसे माना गया है कि 1989 से लेकर अभी तक प्रदेश में 1700 से अधिक पुलिसकर्मी अपनी जान भी गंवा चुके हैं। गैर सरकारी तौर पर जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों की संख्‍या 2000 से ज्यादा है। जम्मू कश्मीर पुलिस की शहादत की शोर्य गाथाएं भी अपना एक मुकाम रखती हैं। तभी तो इन शहादतों के लिए वे कई बार कई पदकों से नवाजी जा चुकी है।

आधिकारिक आंकड़ों के बकौल, कश्मीर में आतंकी हिंसा में मृत पुलिसकर्मियों में सबसे अधिक कांस्टेबल हैं जिनकी संख्या 583 है तो उसके बाद दूसरा स्थान एसपीओ अर्थात विशेष पुलिस अधिकारियों का आता है। आंकड़ों के मुताबिक, 616 एसपीओ इस अवधि में जान गंवा चुके हैं।
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कश्मीर में 36 सालों से फैले आतंकवाद के दौर में जम्मू कश्मीर पुलिस एक डीआईजी, एक एसपी, 22 डीएसपी, 28 इंस्पेक्टर, 39 सब इंस्पेक्टर और 69 एएसआई रैंक के अधिकारियों को भी खो चुकी है। यही नहीं 150 हेड कांस्टेबल, 189 सीनियर ग्रेड कांस्टेबल तथा 26 फालोअर्स भी आतंकी हिंसा में शहादत पा चुके हैं।

जम्मू कश्मीर पुलिस की शहादत की शोर्य गाथाएं भी अपना एक मुकाम रखती हैं। तभी तो इन शहादतों के लिए वे कई बार कई पदकों से नवाजी जा चुकी है। इन शहादतों के लिए उसे अभी तक एक अशोक चक्र, दो कीर्ति चक्र, 18 शौर्य चक्र, 1672 प्रेसिडेंट पुलिस गैलेंटरी अवॉर्ड तथा 1822 जम्मू कश्मीर पुलिस मेडल फार गैलेंटरी भी प्राप्त हुए हैं।
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कश्मीर में फैले आतंकवाद की तस्वीर का एक पहलू यह है कि जम्मू कश्मीर पुलिस कभी सिर्फ लाशें गिनने वाली फोर्स बनकर रह गई थी, पर अब वह सबसे आगे रहकर आतंकवाद का खात्मा करने की ओर अग्रसर है। आतंकी हमलों, चेतावनियों और धमकियों के बावजूद कश्मीर में मारे जाने वाले हजारों आतंकियों में से आधे की मौत में जम्मू कश्मीर पुलिस की प्रमुख भूमिका रही है।
Edited By : Chetan Gour 

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