दरअसल, कश्मीर में वर्ष 2019 में पहली बार आतंकवाद के 31 सालों के उपरांत बारामुल्ला जिले को आतंकवाद मुक्त घोषित किया गया था। तब सेना और पुलिस ने इस पर खुशी व्यक्त की थी। पर बारामुल्ला के नागरिकों के लिए यह खुशी अधिक दिनों तक कायम नहीं रह सकी थी क्योंकि बारामुल्ला में आतंकी भर्ती, हमले और मुठभेड़ें फिर से चार महीने के अंतराल के बाद आरंभ हो गईं जिन पर फिलहाल पूरी रोक लगा पाना संभपव नहीं हो पा रहा है।