आज की रात हो सकती है कयामत की रात

श्रीनगर। कश्मीरियों के लिए बुधवार की रात कयामत की रात हो सकती है क्योंकि मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि बुधवार रात और गुरुवार का दिन जबरदस्त बारिश लाएगा। नतीजतन जबरदस्त बारिश होने की चेतावनी के साथ ही बाढ़ का खतरा भी बढ़ने लगा है। ऐसे में सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए कश्मीर खासकर श्रीनगर के राजधानी शहर में भगदड़ का माहौल है।
हालांकि सरकार अभी भी बाढ़ का खतरा टल जाने का ढिंढोरा पीट रही है पर लोग उसकी बातों पर ध्यान देने को इसलिए राजी नहीं हैं क्योंकि वे कश्मीर के मौसम विभाग की चेतावनी को इस बार नजरअंदाज नहीं करना चाहते हैं। दरअसल पिछली बार उन्होंने ऐसी चेतावनी को नजरअंदाज किया था और खास बात यह है कि एक लंबे अरसे से कश्मीर का मौसम विभाग मौसम के बारे में सटीक भविष्यवाणियां कर रहा है। 
 
कश्मीर घाटी में आज ताजा बारिश होने से घाटी में बाढ़ का खतरा फिर से बढ़ गया है, हालांकि आज दूसरे दिन भी झेलम नदी में जलस्तर में कमी देखी गई पर डल झील का जलस्तर लगातार बढ़ते हुए खतरे के निशान को पार कर गया है। 

अधिकारियों ने बताया कि बारिश बीती रात से शुरू हुई थी और इसके अगले दो दिनों तक भी जारी रहने की आशंका है। इससे झेलम नदी और उसकी सहायक नदियों में जलस्तर फिर से बढ़ सकता है। बाढ़ की स्थिति में कल से सुधार देखा गया, हालांकि इसके कारण 20 लोगों की मौत हो चुकी है।
 
उन्होंने बताया कि दक्षिणी कश्मीर के संगम में झेलम में जलस्तर 11.70 फुट है, जो कि बाढ़ के स्तर 21 फुट से नीचे है। वहीं राम मुंशी बाग में यह 15.35 फुट पर बह रही है और वहां बाढ़ का स्तर 19 फुट है। एक अधिकारी ने कहा कि सुबह से ही जलस्तर में जबर्दस्त गिरावट देखी जा रही है। उन्होंने बताया कि सारी आपात योजनाएं तैयार हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को हटाने के लिए अस्थाई शिविरों को तैयार किया गया है।
अधिकारी ने बताया कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की अतिरिक्त टीमों को पहले से ही तैयार रखा गया है। स्थिति से निपटने के लिए सेना घाटी के प्रभावित इलाकों में लोगों की मदद के लिए कदम उठा रही है।
 
सेना के एक अधिकारी ने बताया कि हमने प्रत्येक कंपनी ऑपरेटिंग बेस (सीओबी) में एक टुकड़ी (75 से 100 बलों की) निर्धारित की है, जो किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है।

 
अधिकारी ने बताया कि सेना, इंजीनियर, ईएमई और सैन्य चिकित्सा कोर को मिलाकर तीन बचाव समूहों को बादामी बाग छावनी, ओल्ड एयरफील्ड और जैनाकोट में स्थापित किया गया है। उन्होंने बताया कि निचले इलाकों में सेना के साथ पानी निकालने के सभी पंपों को भी रखा गया है।

शनिवार से हो रही भारी बारिश के कारण बडगाम जिले के चदूरा इलाके में 20 लोगों की मौत हो गई है। भूस्खलन में फंसे एक व्यक्ति के भी मरने की आशंका जताई जा रही है हालांकि इस बात की अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है। जम्मू क्षेत्र के उधमपुर में बाढ़ के तेज बहाव में बहने से एक व्यक्ति की मौत हो गई।
घाटी में पैदा हुई स्थिति को ध्यान में रखते हुए कश्मीर घाटी और जम्मू के विंटर जोन में चार अप्रैल तक की सभी परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है। जेएंडके बोर्ड की सेक्रेटरी वीणा पंडिता ने बताया कि बाढ़ को ध्यान में रखते हुए उच्च स्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया कि 10वीं और 12वीं कक्षा के 1, 2, 3 और 4 अप्रैल को होने वाली परीक्षाएं रद्द की जाएंगी। उन्होंने बताया कि 6 अप्रैल को होने वाली परीक्षा निर्धारित समय पर ली जाएगी, जबकि बाकी परीक्षाओं की नई तिथि की घोषणा की जाएगी।

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