मौसम की मार, आतंकी हमलों का खतरा बढ़ा

श्रीनगर। सेना जम्मू कश्मीर में कई मोर्चों पर खतरों से निपट रही है। अगर भीतर आतंकी हमलों का खतरा है तो लगातार हो रही बारिश के कारण उसे एलओसी और जम्मू सीमा पर पाक सेना के साथ-साथ आईएसआई से निपटने को भारी मशक्कत इसलिए करनी पड़ रही है क्योंकि कई महीनों से खराब बने हुए मौसम ने तारबंदी के साथ-साथ सुरक्षा ढांचों को जबरदस्त क्षति पहुंचाई है।
पिछले कई महीने से राज्य में बना हुआ खराब मौसम अब आतंकियों के लिए वरदान बनता जा रहा है। खासकर जम्मू सीमा पर आतंकियों के लिए यह मददगार बना हुआ है। खराब मौसम और बारिश की वजह से बॉर्डर के ढांचे को नुकसान पहुंचा है। कई जगहों पर बांध क्षतिग्रस्त हुए, फेंसिंग बह गई।
 
निगरानी में लिए गए नालों से ध्यान भी हट गया। यही कारण है कि आतंकियों के लिए बाढ़ प्रभावित जम्मू सीमा सॉफ्ट टारगेट बन गई है और इसी से घुसपैठ कर आतंकी हमले की साजिश रची जा रही है। सुरक्षा एजेंसियों के पास आए इनपुट इस ओर इशारा कर रहे हैं।
 
एक टीवी रिपोर्ट के मुताबिक हिजबुल मुजाहिद्दीन जम्मू-कश्मीर के नेताओं को अपना निशाना बना सकता है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक आईएसआई इस नापाक साजिश में आतंकी संगठनों की मदद कर रही है। आतंकियों के निशाने पर इस बार आर्मी कैंप और जम्मू कश्मीर के नेता हैं।
 
रिपोर्ट के मुताबिक कुलगाम के मोहम्मद अफजल पारे, वाची विधानसभा से सीपीएम के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले जहूर अहमद और तारीगाम से मोहम्मद अब्बास पर खतरा ज्यादा है।
 
बांदीपोरा और कुपवाड़ा के कुछ सेक्टर में सरहद के करीब लश्करे तैयबा और हिजबुल के आतंकियों को देखा गया है और अगले एक हफ्ते में घुसपैठ की कोशिश हो सकती है। उधर पुंछ सेक्टर में आतंकियों की हरकत और बढ़ गई है। जैशे मुहम्मद के पांच आतंकी गुल हदिक और मुहम्मद शौकत की अगुवाई में शहबाज पोस्ट के पास डेरा डाले हैं। 
 
इस बार आतंकी पुंछ जेल को निशाना बना सकते हैं। दरअसल पुंछ जेल में लश्कर समेत कई आतंकी संगठनों के खुंखार आतंकी बंद हैं। सूत्रों के मुताबिक पूरी साजिश के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई है और साजिश के तहत अलग इलाके अलग संगठन संभाल रहे हैं।
 
आतंकी संगठनों ने ओवर ग्राउंड वर्करों की मदद से इन जगहों की सूची तैयार की है। इसकी बाकायदा रैकी की गई है। यहीं से घुसपैठ करने का प्लान तैयार किया गया है। पिछले दिनों कठुआ और सांबा में हमला भी इसी साजिश का एक हिस्सा था। अभी दो हफ्ते पहले हुई बारिश में ही आतंकियों ने घुसपैठ कर ली थी।
 
हीरानगर सेक्टर से घुसपैठ कर सैन्य कैंप पर हमला किया था। उन क्षेत्रों को सबसे अधिक टारगेट किया गया है, जहां पर बीएसएफ की मूवमेंट न के बराबर है। आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में घुसपैठ हो सकती है। सुरक्षा एजेंसियों के हाथ आतंकियों के सांबा सेक्टर में सुरंग बनाने की जानकारी भी पहुंची है।
 
पहले भी इस क्षेत्र में कई बार सुरंगें बनने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। लगातार बारिश होने के बाद जमीन में आई नमी को मुख्य हथियार बनाकर सुरंगें बनाई जा रही हैं, ताकि आसानी से घुसपैठ की जा सके।
 
पहली अप्रैल से मौसम फिर बिगड़ चुका है। इसकी फिराक में आतंकी सांबा, कठुआ और आरएस पुरा के अलावा अखनूर सेक्टर में घुसपैठ की तैयारी में बैठे हैं। खुफिया एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि उक्त सीमा पर पिछले साल सितंबर में आई बाढ़ के कारण नुकसान पहुंचा था।
 
इसमें से काफी सारा ढांचा अभी दुरुस्त नहीं किया गया। बाढ़ से कुछ स्थानों पर फेंसिंग बह गई, कुछ बंकर ढह गए, बाढ़ की वजह से कुछ जगहों पर खुले रास्ते बन गए हैं। यह सब आतंकियों के टारगेट पर है।

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