जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू, पूर्व आईपीएस अधिकारी विजय कुमार बनाए गए राज्यपाल के सलाहकार

बुधवार, 20 जून 2018 (23:20 IST)
नई दिल्ली / श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया और राज्य विधानसभा को निलंबित अवस्था में रखा गया है। इस बीच राज्यपाल एनएन वोहरा ने सुरक्षा उपायों की समीक्षा की और सीआरपीएफ के पूर्व महानिदेशक एवं उग्रवाद विरोधी अभियानों के विशेषज्ञ माने जाने वाले विजय कुमार को अपना एक सलाहकार नियुक्त किया।

जम्मू-कश्मीर में पीडीपी की अगुवाई वाली सरकार से भाजपा के समर्थन वापसी के एक दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने सुबह में कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्य में तत्काल प्रभाव से राज्यपाल शासन लागू करने की मंजूरी दे दी है। वोहरा द्वारा श्रीनगर में कई बैठकें करने के बीच थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि घाटी में आतंकवादियों के खिलाफ चल रहा अभियान पहले की तरह जारी रहेगा।  जनरल रावत ने नई दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि राज्य में राज्यपाल शासन लागू होने से मौजूदा सैन्य अभियानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

एक सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक छत्तीसगढ़ कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बीवी आर सुब्रमण्यम को बी बी व्यास की जगह मुख्य सचिव नियुक्त किया गया। व्यास और पूर्व आईपीएस अधिकारी विजय कुमार (65) को राज्यपाल का सलाहकार नियुक्त किया गया है।

कुमार जंगल में उग्रवाद निरोधक अभियान चलाने में माहिर माने जाते हैं। जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दोनों सलाहकारों के नाम पर मंजूरी दी। तमिलनाडु कैडर के 1975 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे कुमार 1998-2001 में बीएसएफ के महानिरीक्षक (आईजी) के तौर पर कश्मीर घाटी में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उस वक्त बीएसएफ घाटी में आतंकवाद निरोधक अभियानों में काफी सक्रिय था। कुमार उस वक्त सुर्खियों में आए थे जब उनकी अगुवाई वाली एसटीएफ ने कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन को अक्टूबर 2004 में तमिलनाडु में हुई एक मुठभेड़ में मार गिराया था। बाद में कुमार को दुनिया के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ का महानिदेशक बनाया गया था।

साल 2010 में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 75 जवानों के शहीद होने के बाद कुमार को इस बल का डीजी बनाया गया था। पिछले एक दशक में चौथी बार जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाया गया है। चारों बार वोहरा ही राज्य के राज्यपाल रहे हैं।

उन्हें जून 2008 में राज्य का राज्यपाल बनाया गया था। पिछले करीब 40 सालों में आठवीं बार राज्य में राज्यपाल शासन लगाया गया है।  श्रीनगर में राजभवन के एक प्रवक्ता ने बताया कि भारत के राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के तुरंत बाद राज्यपाल एनएन वोहरा ने जम्मू-कश्मीर के संविधान के अनुच्छेद 92 के तहत राज्य में राज्यपाल शासन लागू करने का आदेश जारी किया।

राज्यपाल ने अगली घोषणा द्वारा राज्यपाल शासन हटाए जाने या इसमें परिवर्तन करने तक विधानसभा को निलंबित अवस्था में रख दिया। उद्घोषणा में कहा गया कि राज्य की विधानसभा निलंबित अवस्था में रहेगी। मौजूदा विधानसभा का छ: साल का कार्यकाल मार्च 2021 में पूरा होगा। राज्यपाल की बैठकों के तहत थलसेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने वोहरा से मुलाकात की और राज्य में सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की।

राजभवन के प्रवक्ता ने बताया कि राज्यपाल और थलसेना कमांडर ने घाटी में सुरक्षा प्रबंधन में बेहद करीबी समन्वय की जरूरत से जुड़े कुछ मुद्दों पर चर्चा की। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र आतंकवाद का खात्मा कर कश्मीर में शांति कायम करना चाहता है। 

उन्होंने लखनऊ में पत्रकारों से कहा कि हमारा एकमात्र उद्देश्य है कि आतंकवाद खत्म होना चाहिए और कश्मीर में शांति कायम होनी चाहिए। हमारी सरकार यह ध्यान में रखकर काम करेगी।  राज्य प्रशासन के प्रमुख का पदभार संभालने के बाद वोहरा ने श्रीनगर के सिविल सचिवालय में शीर्ष पुलिस और सिविल प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठकें की। राज्यपाल की बैठकों के दौरान अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा तैयारियों पर भी चर्चा हुई। अमरनाथ यात्रा 28 जून से शुरू होने वाली है। 

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