विवादों से भी नाता रहा है जयललिता का

सोमवार, 5 दिसंबर 2016 (23:55 IST)
जयललिता का विवादों से भी लंबा नाता रहा। कई लोकप्रिय घोषणाएं कर वे राज्य के लोगों के बीच 'अम्मा' बनीं तो उनका नाम कोयले से लेकर कलर टीवी तक के घोटाले में भी आया। घोटालों के चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ा था, जिसके चलते उन्हें मुख्‍यमंत्री पद तक गंवाना पड़ा। देशवासियों को वह दृश्य भी यादव होगा जब जयललिता के जेल जाने के बाद जब फिर से मंत्रिमंडल गठित हुआ तो सभी मंत्रियों ने लगभग रोते हुए शपथ ली थी। इससे पता चलता है कि पार्टी और नेताओं का जयललिता पर कितना प्रभाव है। मुख्‍यमंत्री जे. जयललिता का सोमवार रात 11.30 बजे चेन्‍नई के अपोलो अस्‍पताल में निधन हो गया। पिछले 75 दिनों से यहां उनका इलाज चल रहा था। 
1. कोयला घोटाला : जनता पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा 2 अप्रैल 1997 को की गई शिकायत पर जे. जयललिता की खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। सुब्रमण्यम स्वामी ने जयललिता के कार्यकाल में तमिलनाडु बिजली बोर्ड के लिए 7 अरब रुपए के कोयला आयात में गड़बड़ी का आरोप लगाया था।
 
2- तानसी जमीन घोटाला : 1998 में जयललिता और उनकी सहेली शशिकला समेत कई लोगों का नाम तानसी जमीन घोटाले में सामने आया। इस मामले में जयललिता को दो साल की जेल हुई थी और 2001 में उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा और वे विधानसभा चुनाव नहीं लड़ सकी थीं।
 
3- कलर टीवी घोटाला : 1996 में जयललिता पर गांवों के लिए कलर टीवी खरीदने में गड़बड़ी का आरोप लगा। ग्रामीणों को शिक्षित करने और उनका मनोरंजन करने की योजना के तहत टीवी दिए गए। जानकारी के मुताबिक टीवी बहुत अधिक कीमत पर खरीदे गए और इसमें बड़ा हिस्सा अधिकारियों की जेब में गया।
 
4- जूते और साड़ियां : भ्रष्टाचार के जुड़े मामले में 1996 में जब उनके निवास पर छापा पड़ा तो पुलिस को भारी मात्रा में हीरे जड़ित गहने के अलावा 10 हजार से ज्यादा साड़ियां और 750 जोड़ी जूते मिले थे। जयललिता के ये इतनी बड़ी मात्रा में सामान मिलना सुर्खियां बन गया।
 
5- दत्तक पुत्र की शादी : जयललिता 1995 में तब अचानक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में आई जब उन्होंने बड़े ही शानदार तरीके से अपने दत्तक पुत्र सुधाकरन की शादी की थी।
 
6- सत्ता का दुरुपयोग : 27 सितंबर 2014 को जयललिता को 1991 से 1996 के कार्यकाल के दौरान सत्ता के दुरुपयोग का दोषी पाया गया। इस कारण उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा। उन्हें 66.65 करोड़ की राशि अवैध रूप से हासिल करने का दोषी पाया गया। बाद में कर्नाटक हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया और फिर से उन्हें सत्ता मिल गई।
 
7- हत्या के केस : जयललिता के पूर्व अकाउंटेंट राजशेखरन की शिकायत पर 1998 में जयललिता, उनकी सहेली शशिकला और अन्य के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कराया। राजशेखरन ने शिकायत में कहा था कि जयललिता के निवास पोएस गार्डन पर बुलाकर उनकी जूते और डंडों से पिटाई की गई।

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