मुखपत्र के कवर लेख में दावा किया गया है कि जेएनयू के नक्सल समर्थक छात्र संघों ने वर्ष 2010 में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 75 जवानों की मौत का खुलेआम जश्न मनाया था। यह सब जेएनयू प्रशासन की नाक के नीचे हुआ था। इसमें आरोप लगाया गया है कि जेएनयू नियमित रूप से राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का आयोजन करता है।