'राजद्रोह' पर आएगी जेएनयू के एक और छात्र नेता की किताब

मंगलवार, 26 जुलाई 2016 (22:57 IST)
नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के बाद अब जेएनयू के हालिया छात्र आंदोलन की एक और सक्रिय नेता शहला राशिद किताब की शक्ल में कैंपस असंतोष के अपने अनुभव साझा करेंगी।
 
जेएनयू छात्रसंघ में पहुंचने वाली पहली कश्मीरी लड़की शहला ने इस साल फरवरी में कथित राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार हुए कन्हैया समेत विश्वविद्यालय के छात्र नेताओं और कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग करते हुए छात्र आंदोलन का नेतृत्व किया था। यह एक कार्यक्रम का मामला था जिसमें कथित रूप से राष्ट्र विरोधी नारे लगाए गए थे।
 
पेंग्विन रैंडम हाउस इंडिया उनकी यह किताब छापेगी जिसका शीर्षक फिलहाल 'आई, स्टूडेंट' (मैं, छात्र) रखा गया है। इसमें छात्र राजनीति और भारत के विश्वविद्यालय परिसरों के मौजूदा परिदृश्य पर चर्चा की जाएगी।
 
शहला कहती हैं, मैं महसूस करती हूं कि भारत में छात्र राजनीति की दास्तान अनकही और गलत समझी जाती है। यह किताब तालीम के बारे में, सियासत के बारे में और कश्मीर के बारे में है। मुझे छात्र आंदोलन के जो अलग-अलग तजुर्बे मिले हैं, उन्हें मैं अभिव्यक्त करूंगी। वह कहती हैं, मैं एक कश्मीरी और एक और के नजरिए से दास्तान कहना चाहती हूं। 
 
शहला कहती हैं, कश्मीर का मौजूदा उथल-पुथल का दौर एक बार फिर कश्मीर को समझने की गंभीर जरूरत उसी तरह रेखांकित करता है, जिस तरह देशभर के विश्वविद्यालयों में मौजूदा असंतोष हमारे युवाओं को समझने की जरूरत रेखांकित करता है।
 
पेंग्विन रैंडम हाउस इंडिया की वरिष्ठ संपादक रजनी जार्ज के अनुसार, इस साल राजद्रोह के आरोपों में गिरफ्तार कन्हैया कुमार और अन्य छात्रों की रिहाई के लिए अभियान का नेतृत्व कर चुकीं शहला जेएनयू आंदोलन की अग्रिम पंक्ति से बातें रखेंगी। (भाषा) 

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