JNU violence उबाल पर, इंडिया गेट और गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन, कोलकाता में भाजपा, वाम समर्थक आमने-सामने

सोमवार, 6 जनवरी 2020 (23:58 IST)
नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता। दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) कैंपस में रविवार शाम हुए हिंसक हमले की आग अभी तक थमी नहीं है। दिल्ली के इंडिया गेट, मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर सोमवार को विरोध प्रदर्शन हुए जबकि कोलकाता में निकली रैलियों में वाम दल और भाजपा समर्थकों के आमने-सामने आने के बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। तमिलनाडु में छात्रों ने कैंडल मार्च निकाला। 
 
इंडिया गेट पर प्रदर्शन : जेएनयू कैंपस में हुई गुंडागर्दी और छात्रों को पीटने के विरोध स्वरूप युवक कांग्रेस द्वारा इंडिया गेट तक मशाल रैली निकाली। इसमें कांग्रेस कार्यकर्ता मुखौटे लगाए हुए थे। 
 
सनद रहे कि रविवार देर शाम जेएनयू कैंपस में चेहरे को नकाब से ढककर घुसे करीब 50 गुंडों ने ढाई घंटे तक कोहराम मचाया था और गर्ल्स हॉस्टल में घुसकर छात्राओं को पीटा था। इसमें जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी समेत 35 छात्र घायल हुए थे। 
मुंबई में भी प्रदर्शन : जेएनयू में हुई हिंसा के खिलाफ मुंबई में भी सोमवार को प्रदर्शन के साथ ही रैलियां निकाली गई। बड़ी संख्या में लोग गेटवे ऑफ इंडिया पर जमा हुए। सभी लोगों ने छात्रों पर हुए जानलेवा हमले की भर्त्सना की। समाचार लिखे जाने तक यहां पर सैकड़ों छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है।
 
दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कल हुई हिंसा के खिलाफ बॉलीवुड भी सड़क पर उतरा और अपना विरोध जताया। अनुराग कश्यप, अनुभव सिन्हा, तापसी पन्नू, जोया अख्तर, दिया मिर्जा, राहुल बोस हिंसा के खिलाफ कार्टर रोड पर एक विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।

दूसरी तरफ जेएनयू के हमले के लिए जिस एबीवीपी के सदस्यों को जिम्मेदार ठहराया जाया रहा है, उसके समर्थकों का कहना है कि हमारे साथी भी हमले में घायल हुए हैं। मुंबई के हुतात्मा चौक पर एबीवीपी के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया, हालांकि सदस्यों कि संख्या बहुत ही कम थी।  
 
कोलकाता में लाठी चार्ज : JNU violence के विरोध में यादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों, एसएफआई के कार्यकर्ताओं और अन्य वाम संगठनों के सदस्यों ने 8बी बस स्टैंड से सुलेखा मोड़ पर रैली निकाली। जेएनयू हमले और रविवार रात इलाके में पार्टी दफ्तर में तोड़फोड़ को लेकर भाजपा द्वारा बाघा जतिन मोड़ से यादवपुर पुलिस थाने तक एक विरोध मार्च निकाला गया। सुलेखा मोड़ पर दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए जिससे विवाद शुरू हो गया। 
पुलिस ने बैरीकेड लगाए थे और दोनों रैलियों का रास्ता बाधित किया था। इस दौरान हालांकि दोनों ही राजनीतिक दलों द्वारा कथित तौर पर एक दूसरे के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। एसएफआई समर्थकों ने दावा किया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने महिला कार्यकर्ताओं के लिए अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया। इसके विरोध में वामपंथी कार्यकर्ताओं ने भाजपा के झंडे जलाए। 
 
जेएनयू में 700 पुलिसकर्मी तैनात : जेएनयू में हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस सक्रिय हो गई है और उसने 700 पुलिसकर्मियों की तैनाती की है। गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर हिंसा की जांच के लिए दिल्ली पुलिस ने ज्वाइंट कमिश्नर की अगुआई में टीम गठित की। सीसीटीवी फुटेज जुटाने के लिए पुलिस कैंपस भी पहुंची ताकि गुंडों की पहचान करके उन्हें सजा दिलाई जा सके, जिन्होंने शिक्षा के मंदिर को खून से अ‍पवित्र किया है।

जेएनयू ने सेमेस्टर पंजीकरण की तारीख आगे बढ़ी : जेएनयू में हिंसा के कारण सर्वर ठप रहने के कारण सेमेस्टर पंजीकरण प्रक्रिया की तारीख रविवार तक बढ़ा दी है। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने एक बयान में कहा कि कुछ शरारती तत्वों ने अपना आंदोलन जारी रखने के तहत विश्वविद्यालय के सूचना एवं संचार सेवा (CIS) को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया है। 
 
उन्होंने बताया कि इसके चलते सीआईएस डेटा सेंटर तक आपूर्ति पूरी तरह बाधित है, ऑप्टिक फाइबर केबलों और सभी रेक की बिजली की तारों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा है। कुमार ने बताया, जेएनयू क्लाउड और अन्य सूचना एवं संचार प्रणाली पूरी तरह ठप पड़ गई है।
 

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