न्यायालय ने 22 दिसंबर को कंपनी द्वारा सौंपा गया 275 करोड़ रुपए का डिमांड ड्राफ्ट स्वीकार किया था और उसे 14 दिसंबर तक 150 करोड़ रुपए तथा 31 दिसंबर तक 125 करोड़ रुपए जमा कराने का निर्देश दिया था। न्यायालय ने कंपनी के 13 निदेशकों को अपनी निजी संपत्ति बेचने से भी रोक दिया था। (भाषा)