मध्य प्रदेश में कांग्रेस का वनवास खत्म करने और विधानसभा चुनाव में युवा वोटरों को कांग्रेस की तरफ मोड़ने में अहम भूमिका निभाने वाले सिंधिया कांग्रेस सरकार बनने के बाद पूरी तरह हाशिए पर दिखाई दे रहे हैं। लोकसभा चुनाव में अपनी पारंपरिक सीट पर हार का सामने करने वाले सिंधिया पिछले कई दिनों से अपनी ही पार्टी में बेगाने से दिखाई देने लगे हैं। मध्य प्रदेश में सिंधिया समर्थक अपने महाराज को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं, लेकिन दबाव की यह राजनीति चुनाव होने के सवा साल बाद भी कामयाब नहीं होती दिखती और मुख्यमंत्री कमलनाथ सत्ता और संगठन दोनों पर अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुए हैं।