उन्होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ एक बड़ा कदम है लेकिन यह देश की एक गंभीर कमजोरी को भी उजागर करता है। ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ के 62 वर्षीय संस्थापक ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम निर्माण क्षेत्र में बच्चों के कठिन परिश्रम, कष्ट और दुरुपयोग से सफल नहीं हो सकता।
एप्पल कंपनी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका स्थित इस कंपनी को उस समय कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था, जब इस पर ये आरोप लगे थे कि इसके उत्पादों के निर्माण के लिए चीन में बाल श्रम का इस्तेमाल किया गया था। (भाषा)