कंगना रनौत ने कृषि कानूनों पर वापस लिया बयान

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

बुधवार, 25 सितम्बर 2024 (15:31 IST)
Kanana Ranaut news in hindi : भाजपा सांसद कंगना रनौत ने वर्ष 2021 में निरस्त किए गए कृषि कानूनों को वापस लाने की मांग संबंधी अपना बयान बुधवार को वापस ले लिया और कहा कि ये उनके निजी विचार हैं और पार्टी के रूख को प्रदर्शित नहीं करते हैं। अभिनय से राजनीति में आईं कंगना ने कहा कि उन्हें याद रखना चाहिए कि वह अब केवल कलाकार ही नहीं, बल्कि भाजपा सदस्य भी हैं एवं उनका बयान अपनी पार्टी की नीतियों के अनुरूप होना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि उन्होंने विवादास्पद कानूनों पर अपने बयान से संभवत: कई लोगों को निराश किया है और उन्हें इस बात पर खेद है। भाजपा की हिमाचल प्रदेश इकाई ने भी मंडी की सांसद रनौत के बयान से दूरी बना ली है। ALSO READ: क्या भाजपा फिर लाना चाहती है निरस्त कृषि कानून, क्या बोलीं कंगना रनौत?
 
कंगना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'किसान कानूनों पर मेरे विचार निजी हैं और इन विधेयकों पर पार्टी के रूख को नहीं प्रदर्शित करते हैं। उन्होंने एक्स पर अपना एक वीडियो बयान भी जारी करते हुए कहा कि जब किसानों के कानूनों का प्रस्ताव आया, तब हममें से कई ने उनका समर्थन किया। लेकिन बहुत ही संवेदनशीलता एवं सहानुभूति से हमारे सम्मानीय प्रधानमंत्री ने उन कानूनों को वापस ले लिया।
 
उन्होंने कहा कि मुझे यह अवश्य याद रखना चाहिए कि मैं अब एक कलाकार ही नहीं, बल्कि भाजपा की एक सदस्य भी हूं और मेरे विचार निजी नहीं बल्कि पार्टी का रुख प्रतिबिंबित करने वाले होने चाहिए। यदि मैंने अपने शब्दों एवं विचारों से किसी को निराश किया है तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं।
 

Do listen to this, I stand with my party regarding Farmers Law. Jai Hind pic.twitter.com/wMcc88nlK2

— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 25, 2024
क्यों मचा बवाल : उन्होंने मंडी में मंगलवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि इन तीन कृषि कानूनों का केवल कुछ राज्यों में विरोध हुआ। उन्होंने कहा था कि किसान भारत की प्रगति के शक्तिस्तंभ हैं। केवल चंद राज्यों में ही उन्होंने कृषि कानूनों का विरोध किया। मैं हाथ जोड़कर अपील करती हूं कि किसानों के हित में इन कृषि कानूनों को वापस लाया जाए। उन्होंने कहा था कि देश प्रगति के मार्ग पर है और कृषि कानूनों की बहाली से बेहतर वित्तीय स्थायित्व एवं किसानों का विकास सुनिश्चित होगा एवं अंतत: कृषि क्षेत्र को लाभ होगा।
 
कंगना रनौत का बयान ऐसे समय में आया है जब राजनीतिक दल पांच अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे हैं। हरियाणा में खासकर दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का बड़ा प्रदर्शन हुआ था जो इन कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे थे। ALSO READ: कृषि कानूनों पर कंगना रनौत के बयान पर बवाल, कांग्रेस हमलावर, क्या बोली भाजपा?
 
2021 मेंं निरस्त हुए थे कृषि कानून :  किसानों के विरोध के बाद तीन कृषि कानून - कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अधिनियम; कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम; तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम - को नवंबर 2021 में निरस्त कर दिया गया था। किसानों का विरोध नवंबर 2020 के अंत में शुरू हुआ था और संसद द्वारा तीनों कानूनों को निरस्त करने के बाद समाप्त हुआ। ये कानून जून 2020 में लागू हुए थे और नवंबर 2021 में निरस्त कर दिए गए।
Edited by : Nrapendra Gupta 

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी