कांग्रेस नेता ने कहा कि जब 2021 में काले कृषि कानूनों के विरोध में जारी प्रदर्शन ख़त्म किया गया, तब किसान प्रधानमंत्री और उनकी सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन से आश्वस्त थे कि उनकी मांगें पूरी होंगी। लेकिन, समय के साथ, केंद्र सरकार की किसान संगठनों के साथ बातचीत बंद होती गई। भाजपा ने एमएसपी के सवाल पर विचार-विमर्श के लिए पक्षपातपूर्ण ढंग से एक समिति बनाई, जिसके एक स्वतंत्र सदस्य ने तुरंत इस्तीफ़ा दे दिया था।
रमेश ने आरोप लगाया कि इस धोखे के बाद किसान संगठन एक बार फ़िर अपनी आवाज़ उठाने के लिए सड़कों पर उतरने को मजबूर हुए। दोहरा अन्याय करते हुए सरकार ने उनकी बातें सुनने के बजाय उन पर बेरहमी से लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। उन्होंने सवाल किया कि भाजपा क्यों किसानों की दुर्दशा को लगातार नजरअंदाज कर रही है?
कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस लगातार स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी के साथ-साथ किसानों के लिए ऋण माफ़ी और 30 दिनों के भीतर फसल बीमा के तहत भुगतान का वादा करती रही है। यह सुनिश्चित करने के लिए भाजपा के पास क्या दृष्टिकोण है कि हरियाणा के किसान ठीक-ठाक और सम्मानजनक जीवन जी सकें?
रमेश ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री हमेशा भारत और हरियाणा की बेटियों से ज़्यादा अपनी राजनीति को प्राथमिकता देंगे? उन्होंने भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप का हवाला देते हुए यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री ने लगातार भारत की बेटियों को निराश किया है।