इसके मुताबिक, हाल ही में अभिनेत्री की महाराष्ट्र सरकार से तनातनी चल रही थी क्योंकि उन्होंने राज्य सरकार से संबंधित कुछ मुद्दों से निपटने को लेकर की गई कार्रवाई पर अपने विचार व्यक्त किए थे, जिनका आम जनता पर प्रभाव पड़ता है।
संशोधित याचिका के मुताबिक, उनके विचारों ने कुछ खास पक्षों को नाखुश किया और एक विशेष राजनीतिक दल की नाराजगी का कारण बना जो कि महाराष्ट्र सरकार का हिस्सा है। इसके मुताबिक, 'यही दल' बीएमसी में भी सत्तारूढ़ है। हालांकि, इसमें शिवसेना का नाम नहीं लिया गया।
याचिका में यह भी दलील दी गई कि रनौत ने बंगले में ढांचागत मरम्मत के लिए बीएमसी से अनुमति मांगी थी और वर्ष 2018 में यह अनुमति प्रदान भी की गई थी। याचिका में अदालत से बीएमसी की कार्रवाई को अवैध घोषित करने और 'संबंधित अधिकारियों' से नुकसान की भरपाई के बतौर 2 करोड़ रुपए का मुआवजा देने का अनुरोध किया गया है। मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर के लिए निर्धारित की गई है।