बेंगलुरू। कर्नाटक में भाजपा विधायक दल के नेता बी एस येद्दियुरप्पा ने आज मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सरकार बनाने के लिए उच्चतम न्यायालय में रातभर चली हाई वोल्टेज कानूनी लड़ाई के बाद येद्दियुरप्पा दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने।
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लिंगायत समुदाय में खासा प्रभाव रखने वाले 75 वर्षीय येद्दियुरप्पा को राज्यपाल वजुभाई वाला ने राजभवन में एक समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। येद्दियुरप्पा के शपथ लेते समय समर्थकों के बीच जबरदस्त उत्साह था।
उच्चतम न्यायालय ने येद्दियुरप्पा के शपथ लेने पर रोक लगाने से इनकार किए जाने के कुछ घंटों बाद ही भाजपा नेता ने अकेले शपथ ली। सदन में भाजपा के पास 104 विधायक हैं जो बहुमत के 112 के आंकड़े से आठ विधायक कम है। येद्दियुरप्पा के पास विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय है।
येदियुरप्पा के शपथ लेने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने राजभवन के बाहर जश्न मनाया। लेकिन कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। कांग्रेस विधायक भी फ्रीडम पार्क पहुंचकर धरने पर बैठ गए हैं। कांग्रेस इस शपथ ग्रहण का जोरदार विरोध कर रही है।
इससे पहले उच्चतम न्यायलय ने रातभर चली दुर्लभ सुनवाई के बाद येद्दियुरप्पा के कनार्टक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
देर रात दो बजकर 11 मिनट से आज सुबह पांच बजकर 58 मिनट तक चली सुनवाई के बाद उच्चतम न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि राज्य में शपथ ग्रहण और सरकार के गठन की प्रक्रिया न्यायालय के समक्ष इस मामले के अंतिम फैसले का विषय होगा।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ए के सीकरी, न्यायमूर्ति एस के बोबडे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की एक विशेष पीठ ने कहा, 'न्यायालय बी एस येद्दियुरप्पा के शपथ ग्रहण समारोह पर रोक लगाने के संबंध में कोई आदेश नहीं दे रहा है। अगर वह शपथ लेते हैं तो यह प्रक्रिया न्यायालय के समक्ष इस मामले के अंतिम फैसले का विषय होगा।'