पीएसओ के रूप में ड्यूटी करने वाले सभी एसपीओ को वहां से हटाने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस विभाग के सुरक्षा विंग के एडीजीपी की ओर से इसे लेकर आदेश जारी किया गया है। आदेश में कहा गया है कि पुलिस विभाग के पास जानकारी पहुंची है कि कई-कई एसपीओ प्रोटेक्टेड पर्सन के साथ बतौर पीएसओ ड्यूटी दे रहे हैं, जो पुलिस के सुरक्षा नियमों में शामिल नहीं है। विभाग का कहना है कि एसपीओ अन्य पुलिसकर्मियों की तुलना में बतौर पीएसओ ड्यूटी देने के लिए प्रशिक्षित नहीं है।
आदेश में साफ कहा गया है कि किसी भी यूनिट और जिले में संबंधित जिले के एसएसपी पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (पीएसओ) के तौर पर एसपीओ को तैनात करने का आदेश नहीं देंगे। इसलिए पांच अक्टूबर से पहले सभी एसपीओ को पीएसओ की ड्यूटी से तुरंत हटाया जाए और पुलिस मुख्यालय में इसकी सूची दी जाए कि कितने ऐसे एसपीओ हैं, जो पीएसओ के रूप में तैनात हैं।
यदि पांच अक्टूबर तक ऐसा नहीं हुआ तो एसपीओ का मानदेय भी रोक दिया जाएगा। सभी रेंज डीआईजी को इसकी सूची बनाने के लिए कहा गया है। यह भी साफ किया गया है कि यदि कोई एसपीओ वापस आने की रिपोर्ट नहीं करता, तो उसका मानदेय जारी नहीं होगा। एडीजीपी ने यह आदेश सभी जिला पुलिस अधिकारियों और एसएसपी सिक्योरिटी के नाम जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि जल्द रिपोर्ट करें, नहीं तो एसपीओ को निकाला भी जा सकता है।
पिछले कुछ समय से कश्मीर में एसपीओ को अगवा करने के वाद उनकी हत्या करने के मामले सामने आए हैं। वीआईपी सुरक्षा में तैनात यह एसपीओ आतंकियों के सॉफ्ट टारगेट बनते हैं। जिससे इनकी जान पर खतरा बन चुका है। खासकर पंचायत चुनाव और निकाय चुनाव में इन पर खतरा बढ़ गया है। आतंकी भी एसपीओ को नौकरी छोड़ने के लिए कह चुके हैं। पुलिस का मानना है कि एसपीओ पर हमले करके आतंकी पुलिस को कमजोर कर रहे हैं। ऐसे में इनको वापस बुलाया गया है।