ग्लेशियर टूटने से केदार पैदल मार्ग फिर हुआ बाधित, यात्रा रुकी

एन. पांडेय
गुरुवार, 4 मई 2023 (18:34 IST)
रुद्रप्रयाग। Kedarnath Dham Yatra : केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग में बुधवार सायं को भैंरों गदेरे एवं कुबेर गधेरे पर ग्लेशियर टूटने के कारण केदारनाथ यात्रा मार्ग आवागमन हेतु बंद हो गया था। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देशन में यात्रा मार्ग को सुचारू करने के लिए डीडीएमए, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ, वाईएमएफ व पुलिस के जवानों ने दोनों ग्लेशियरों से बर्फ हटाने का कार्य किया।

भैंरों ग्लेशियर से बर्फ हटाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है जबकि कुबेर ग्लेशियर पर बर्फ हटाने का कार्य किया जा रहा था। गुरुवार को केदार में मौसम के साफ़ और सुहावना रहने के चलते सोनप्रयाग से दस बजे तक तीर्थयात्री धाम के लिए रवाना कराए गए, लेकिन दोपहर बाद 2 बजकर 25 मिनट पर भैरों ग्लेशियर पर दुबारा ग्लेशियर टूटने के कारण यात्रा मार्ग आवाजाही हेतु पूर्णतः बंद हो गया है।

इसके बाद रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने केदारनाथ धाम पैदल यात्रा कर रहे तीर्थ यात्रियों से अपील की है कि यात्रा मार्ग पूरी तरह से सुचारू न होने तक केदारनाथ की यात्रा पर न जाएं। उन्होंने यात्रियों से कहा कि वे जिस स्थान पर हैं उसी स्थान पर सुरक्षित रहें।

उन्होंने यह भी कहा कि जो यात्री हैली सेवा से दर्शन करना चाहते हैं वो हैली सेवा के माध्यम से केदारनाथ धाम के दर्शन कर सकते हैं। उन्होंने यात्रा मार्ग में दोनों ग्लेशियर पर तैनात डीडीआरएफ, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, वाईएमएफ व पुलिस के जवानों को निर्देश दिए कि अपनी सुरक्षा के साथ ही तीर्थयात्रियों की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखें।

चमोली और रुद्रप्रयाग में आए भूकंप के तेज झटके : उत्तराखंड में भूकंप से धरती डोल गई। चमोली और रुद्रप्रयाग में सुबह करीब दस बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घरों व दुकानों से बाहर निकल आए।

चमोली में सुबह 9 बजकर 50 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस हुए। रुद्रप्रयाग में भूकंप 9.54 बजे आया। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। बाजारों में दुकानदार भी दुकानों से बाहर आ गए।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने बताया कि हल्का झटका होने के कारण अधिकांश लोगों को इसका पता नहीं चल पाया है। जनपद में स्थिति सामान्य है। बता दें कि जनपद में बीते 24 जनवरी को भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे।

वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के भूकंप वैज्ञानिकों की मानें तो उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। उत्तराखंड का ज्यादातर इलाका भूकंप के लिहाज से जोन चार और पांच में है। इसलिए बार-बार भूकंप की घटनाएं देखने को मिल रही हैं।

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