manipur violence : 6,500 केस, 150 हत्याएं, मणिपुर पर फिर भी चुप हैं PM, दिल्ली विधानसभा में केजरीवाल का मोदी पर तंज
गुरुवार, 17 अगस्त 2023 (23:20 IST)
manipur violence : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा हमला करते हुए मणिपुर और हरियाणा के नूंह में हिंसा तथा कथित चीनी घुसपैठ समेत कई मुद्दों पर उनकी चुप्पी को लेकर सवाल उठाया। केजरीवाल ने कहा कि मणिपुर में 6,500 एफआईआर दर्ज हुई हैं। 150 से ज्यादा हत्याएं हुई हैं, लेकिन प्रधानमंत्री चुप हैं। 40000 घर जलाए गए हैं, 60 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं, लेकिन प्रधानमंत्री चुप हैं।
दिल्ली विधानसभा में केजरीवाल ने कहा कि मणिपुर के मामले में वह कम से कम शांति की अपील कर सकते थे। यूरोपीय संसद और अमेरिकी सांसदों ने इस मामले पर चर्चा की लेकिन प्रधानमंत्री चुप रहे।
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री पिता तुल्य हैं। उन्होंने मणिपुर की बेटियों से मुंह मोड़ लिया। आप अपने कमरे में बैठे रहे। पूरा देश प्रधानमंत्री की चुप्पी का कारण पूछ रहा है। यह पहली बार नहीं है कि वह चुप हैं। जब भी पिछले नौ वर्षों में संकट की स्थिति आई प्रधानमंत्री चुप्पी साधे रहे।
दिल्ली विधानसभा में भाजपा के विधायकों में से पांच को मार्शल ने बाहर कर दिया, जबकि बाकी तीन मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के विरोध में बाहर चले गए। भाजपा के विधायकों पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने कहा कि वे बाहर जा रहे हैं और मीडिया को बता रहे हैं कि उनका मणिपुर से कोई लेना-देना नहीं है।
केजरीवाल ने कहा कि मणिपुर की घटना दुखद है, लेकिन इससे भी अधिक दुखद यह है कि इस मुद्दे पर भाजपा विधायकों का दिल्ली विधानसभा से बाहर निकलना। यह सिर्फ भाजपा विधायकों की सोच नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी भी ऐसा ही सोचते हैं। जब मणिपुर में 150 लोगों की हत्या हुई तो प्रधानमंत्री मोदी चुप रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा, 60,000 लोग बेघर हो गए और 6,500 प्राथमिकी दर्ज की गईं। मणिपुर की बेटियों को निर्वस्त्र कर घुमाया गया, तब भी प्रधानमंत्री मोदी चुप रहे।
मणिपुर में कुकी और मेइती समुदायों के बीच तीन मई से जातीय हिंसा में 150 से अधिक लोग मारे गए हैं। मणिपुर के एक गांव में 4 मई को दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का वीडियो 19 जुलाई को सामने आया था।
वीडियो सामने आने के बाद प्रधानमंत्री ने पहली बार इस मुद्दे पर कहा था कि सख्त कार्रवाई की जा रही है। कुछ दिनों बाद संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस का जवाब देते हुए मोदी ने कहा था कि मणिपुर में जल्द ही शांति होगी क्योंकि उस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में भी मणिपुर का जिक्र किया था।
भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व प्रमुख और भाजपा के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के हालिया विरोध प्रदर्शन के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि चैंपियन पहलवानों ने सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया, लेकिन प्रधानमंत्री चुप रहे।
केजरीवाल ने कहा, जब पहलवानों ने ओलंपिक में पदक जीते तो प्रधानमंत्री मोदी उनके साथ तस्वीरें खिंचवाने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने उनसे कहा था तुम मेरी बेटी हो। लेकिन जब वे विरोध कर रहे थे, तो वह चुप रहे। कम से कम वह कह सकते थे मैं यहां हूं। मैं इसकी जांच कराऊंगा और लोगों को सजा दिलाऊंगा।
केजरीवाल ने कहा कि महिला पहलवानों को प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए उच्चतम न्यायालय जाना पड़ा।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने प्रधानमंत्री पर लद्दाख में कथित चीनी घुसपैठ, हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडाणी समूह द्वारा शेयरों में हेराफेरी का दावा करने (इस आरोप का समूह ने खंडन किया है) और उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में उनके एक मंत्री के बेटे द्वारा किसानों को कुचलने पर चुप्पी साधने का भी आरोप लगाया।
केजरीवाल ने विधानसभा में कहा, ये लोग (भाजपा) नेहरू (प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू) को गाली देते हैं। कम से कम, उन्होंने चीन की आंखों में आंखें डालकर देखा था और उनसे लड़ाई की थी। लेकिन इन लोगों ने चीन के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक ने उन अन्य मुद्दों के बारे में भी बात की जिन पर प्रधानमंत्री ने चुप्पी साध ली।
केजरीवाल ने पूछा, प्रधानमंत्री ने देश के कुछ पूंजीपतियों का 13 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया। नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, ललित मोदी को विदेश भागने दिया गया। उन्होंने (आम आदमी पार्टी के नेता) मनीष सिसोदिया को विदेश जाने से रोकने के लिए उनके खिलाफ नोटिस जारी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, वे नीरव मोदी के खिलाफ भी नोटिस जारी कर सकते थे। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मुताबिक, देश में 16,000 ऐसे कर्जदार हैं जो जानबूझकर अपना कर्ज नहीं चुका रहे। प्रधानमंत्री उन्हें पकड़कर जेल में क्यों नहीं डालते?
हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी जब विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की शोभायात्रा पर पथराव किया गया। हिंसा आसपास के इलाकों में भी फैल गई, जिसमें कम से कम छह लोग मारे गए। नूंह में हिंसा समेत अन्य मुद्दों पर चिंता व्यक्त करते हुए अरविंद केजरीवाल ने जवाबदेही की मांग की।
मुख्यमंत्री ने कहा, लखीमपुर खीरी में केंद्रीय मंत्री के बेटे ने किसानों को अपनी जीप से कुचल दिया, वीडियो सबने देखा लेकिन प्रधानमंत्री चुप रहे। हाथरस में एक दलित लड़की से चार लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया लेकिन प्रधानमंत्री चुप रहे। हरियाणा के नूंह, सोहना और गुरुग्राम में दो समुदायों के बीच हिंसा से पूरी दुनिया में हम शर्मसार हुए, लेकिन प्रधानमंत्री फिर भी चुप रहे।
केजरीवाल ने महाराष्ट्र में राजनीतिक तालमेल का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कुछ नेताओं पर 17,000 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, लेकिन तीन दिन बाद उन्हें अपनी पार्टी से जोड़ लिया।
उन्होंने कहा, कैग रिपोर्ट में द्वारका एक्सप्रेस-वे परियोजना से संबंधित भ्रष्टाचार का उल्लेख किया गया लेकिन प्रधानमंत्री चुप हैं।
केजरीवाल ने अपने संबोधन में सदन की ओर से प्रधानमंत्री से मणिपुर के मुद्दे पर बोलने और राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए आवश्यक हस्तक्षेप की अपील की। भाषा Edited By : Sudhir Sharma