संजय निरुपम, केजरीवाल क्यों कर रहे हैं अपनी ही सेना पर संदेह?

मंगलवार, 4 अक्टूबर 2016 (15:14 IST)
भारतीय सेना के पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक करने के बाद पूरे देश ने एक सूर में भारतीय सेना के इस कदम की सराहना की। आतंक के खिलाफ भारतीय सेना की इस कार्रवाई को देशभर के नागरिकों के सही ठहराया। इस बीच संजय निरुपम, अरविंद केजरीवाल संजय झा जैसे नेताओं के कुछ सवाल ऐसे भी आए जिनमें सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाया जा रहा है। आखिर ये नेता भारतीय सेना पर शक क्यों कर रहे हैं?     
 
एक ट्वीट में सजंय निरुपम ने कहा कि हर भारतीय सर्जिकल स्ट्राइक चाहता है, मगर फर्जी नहीं। उन्होंने कहा कि भाजपा इस पूरे मामले में राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है।
 
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी एक वीडियो जारी करके कहा कि पाकिस्तान इंटरनेशनल मीडिया में भारत की साख बिगाड़ने के लिए झूठा प्रचार कर रहा है, वह पत्रकारों को सीमा पर लाकर ये कह रहा है कि यहां कोई सर्जिकल स्ट्राइक नहीं की गई है। मैं चाहूंगा की पीएम मोदी इस झूठ को बेनकाब करें।
 
कांग्रेस के संजय झा ने भी ट्वीट करके भारतीय सेना के द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगे। साथ ही उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में भी कई बार सर्जिकल स्ट्राइक किया गया, लेकिन उसका इस तरह प्रचार नहीं किया गया। 
 
हो सकता कि इन नेताओं के सवाल सही हों, लेकिन क्या यह ऐसे सवालों के लिए सही समय है? पाकिस्तान की ओर से सीमा पर लगातार गोलीबारी हो रही है। जावेद मियांदाद जैसे लोग खुलेआम भारत को धमकी दे रहे हैं। ऐसे समय में सभी भारतीयों को एक होकर भारतीयों को एक होकर सेना का हौसला बढ़ाना चाहिए न कि ऐसे सवाल पूछने चाहिए जो अपने ही देश की सेना को शक के दायरे में खड़ा कर दें।   
 
संजय निरुपम, संजय झा और केजरीवाल ने मौके की नज़ाकत नहीं समझी और राजनीति शुरू कर दी। क्या इस तरह के सवाल खड़े करके वे भारतीय सेना को झूठा नहीं ठहरा रहे हैं? आखिर इस समय इन सवालों का क्या औचित्य? 

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