रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम खरीद कर चीन-पाक से टक्कर लेगा भारत। S-400 ट्रायम्फ मिसाइल सिस्टम न सिर्फ रूस का बल्कि 21वी सदी का सबसे अच्छा मिसाइल डिफेंस सिस्टम माना जा रहा है। इस सिस्टम से अमेरिका समेत नाटो देश खौफजदा हैं। रक्षा विशेषज्ञ इसे अमेरिका के THAAD (Terminal High Altitude Area Defense) सिस्टम से अच्छा मानते हैं।
1990 के दशक में विकसित इस मिसाइल सिस्टम को 'द इकोनॉमिस्ट' ने 2017 में दुनिया के बेहतरीन मिसाइल डिफेंस सिस्टम करार दिया है। रूस ने पहली बार इसका इस्तेमाल 2007 में किया था। यह डिफेंस सिस्टम एक साथ 36 मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है। खासकर पाकिस्तान और चीन से हमले की स्थिति में भारत इस सिस्टम का बेहतर इस्लेमाल कर सकेगा।
क्या है S-400 Triumf डिफेंस सिस्टम में खास: इसमें मल्टीफंक्शनल रडार, खुद ब खुद टारगेट ढूंढ़ कर इस पर मिसाइल अटैक करने की क्षमता, एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम, लांचर, कमांड और कंट्रोल सिस्टम है। इससे चार तरह की मिसाइलें दागी जा सकती हैं और यह सुरक्षा का एक के बाद एक कई परतें बना डालता है।
400 किलोमीटर के रेंज में यह 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर हर तरह के एयरक्राफ्ट, बैलिस्टिक, क्रूज मिसाइलों और यूएवी (मानवरहित विमान) का सामना कर सकता है और एक साथ 100 हवाई टारगेट पर निशाना साध सकता है। यह मिसाइल सिस्टम एक साथ 6 एफ-35 अमेरिकी सुपर फाइटर का मुकाबला सकता है।
S-400 Triumf, एक विमान भेदी मिसाइल है S-400 Triumf रूस की नई वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का हिस्सा है, जो 2007 में रूसी सेना में तैनात की गई थी। ये मिसाइलें 400 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं। सुपर सोनिक स्पीड फायरिंग रेट और सटीक रडार सिस्टम से यह प्रणाली अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 को मार गिरा सकती है।