न्यायालय ने प्रदेश भाजपा को 22, 24 और 26 दिसम्बर को राज्य के तीन हिस्सों में रथयात्रा की अनुमति दे दी। न्यायालय ने अपने फैसले में यह भी टिप्पणी की कि रथयात्रा निकाले जाने वाले स्थानों पर सुरक्षा इंतजामों के लिए पुलिस को 12 घंटों का नोटिस दिया जाना पर्याप्त है।
इस बीच, उच्च न्यायालय के आदेश पर भाजपा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि न्यायालय ने हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों को बरकरार रखा है। भाजपा ने यह भी कहा कि न्यायालय का फैसला राज्य सरकार के कुशासन के बारे में रिपोर्टों की पुष्टि करता है।
इससे पहले मंगलवार को उच्च न्यायालय ने प्रस्तावित रथयात्रा के मसले को लेकर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के बीच गत 15 दिसम्बर को यहां पुलिस मुख्यालय में हुई बैठक के वीडियो फुटेज प्रस्तुत करने के लिए मंगलवार को संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए थे। न्यायालय की ओर से रथयात्रा की तीन संभावित तिथियां बताने के लिए कहे जाने पर भाजपा ने 22, 24 और 26 दिसम्बर की तिथियां प्रस्तावित की थी।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने 15 दिसम्बर को भाजपा की प्रदेश इकाई को रथयात्रा की अनुमति देने से इन्कार कर दिया था, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच विवाद और गहरा गया। राज्य सरकार ने प्रदेश भाजपा को इस आशय का पत्र भी भेजा था जिसमें कहा गया था कि सामुदायिक तनाव फैलने की आशंका के मद्देनजर रथयात्रा के लिए अनुमति नहीं दी जा सकती।