दरअसल, स्कूल बच्चों को ले जा रही वैन का चालक गाड़ी चलाते समय कान में ईयर फोन पर गाने सुन रहा था। जिस समय दुर्घटना हुई उस समय वह मानव रहित रेलवे क्रासिंग को पार कर रहा था। उसी समय ट्रैक पर एक पैसेंजर ट्रेन आ रही थी। चूंकि ड्राइवर के कान में ईयर फोन लगा हुआ था अत: वह ट्रेन की आवाज नहीं सुन सका और यह भीषण दुर्घटना घटित हो गई।
नहीं लेते सबक : दुर्भाग्य की बात तो यह है कि लोग इस तरह की घटनाओं से सबक भी नहीं लेते। इस तरह की घटनाएं पहले भी हुई हैं। इसी साल फरवरी माह में दिल्ली एनसीआर के ओखला क्षेत्र में ईयरफोन लगाकर रेलवे ट्रेक पार करते समय चार लोग ट्रेन की चपेट में आ गए। इनमें से तीन की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया था। इन लोगों को अन्य लोगों ने आवाज भी लगाई थी, लेकिन ईयरफोन के कारण ये सुन नहीं सके और असमय काल के गाल में समा गए।
ईयरफोन के साइड इफेक्ट : इस तरह के हादसों के अलावा भी ईयर फोन के साइड इफेक्ट हैं। डॉक्टरों की मानें तो 18 से 20 वर्ष की उम्र में यदि ज्यादा समय तक ईयर फोन का इस्तेमाल किया जाए तो 30 साल की उम्र तक कान की नसें कमजोर हो जाती हैं और इससे सुनने की क्षमता भी कम होती है। पहले जो सुनने की क्षमता 60 वर्ष की उम्र में कम होती थी, अब वह 35 से 40 वर्ष की उम्र में कम होने लगी है।