सरकार को भूमि विधेयक पारित होने का भरोसा

शुक्रवार, 22 मई 2015 (18:22 IST)
नई दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को विश्वास व्यक्त किया कि भूमि विधेयक संसद के अगले सत्र में पारित हो जाएगा, साथ ही कहा कि संख्या पूरी तरह से स्पष्ट है।
नरेन्द्र मोदी सरकार की एक वर्ष की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए वित्त मंत्री  अरुण जेटली ने भूमि और जीएसटी विधेयकों को आने वाले वर्ष के लिए सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। उन्होंने कहा कि अवरोधकों का सामना करते हुए भी निर्णायकता इस सरकार की विशिष्टता है।
 
भूमि विधेयक का विरोध करने वाली कांग्रेस की आलोचना करते हुए जेटली ने कहा  कि वह (कांग्रेस) सरकार की विकासोन्मुखी पहल का विरोध करके भारत के 10  प्रतिशत विकास दर की यात्रा के मार्ग में बाधा खड़ी कर रही है और मुख्य विपक्षी  पार्टी से अपने रुख पर फिर से विचार करने को कहा।
 
वित्त मंत्री ने कहा कि किसी राजनीतिक दल को यह कहने का अधिकार नहीं है  कि मैं इसे पारित नहीं होने दूंगा। उनके पास खिलाफ में वोट देने का अधिकार है।  और जब एक राजनीतिक दल कहता है कि वह इसके खिलाफ वोट देंगे, तब संख्या  से स्पष्ट हो जाएगा कि यह पारित होगा या नहीं। और मैं समझता हूं कि संख्या  काफी स्पष्ट है।
 
मोदी के विदेश दौरों पर राहुल गांधी की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर जेटली  ने कांग्रेस उपाध्यक्ष के लम्बे अवकाश पर चुटकी लेते हुए कहा कि 55 दिनों के  अवकाश पर जाना विदेश दौरा है और सरकारी दौरे पर विदेश में देश का  प्रतिनिधित्व करना अलग तरह का कार्यक्रम है।
 
संसद में महत्वपूर्ण विधेयकों पर क्षेत्रीय दलों के समर्थन मिलने का संकेत देते हुए जेटली ने कहा कि राज्यों के प्रति केंद्र सरकार का रूख उन्हें सशक्त और मजबूत बनाना है और इसका स्पष्ट राजनीतिक प्रभाव पड़ा है।
 
उन्होंने कहा कि सरकार का पहला साल एक दिशा में आगे बढ़ने वाला रहा है, जहां प्रत्येक विभाग ने ओवरटाइम काम किया ताकि देश की वृद्धि और विकास को पटरी पर लाया जा सके और निराशा से बाहर निकाल कर सरकार इसे आशा में बदल सके।
 
वित्त मंत्री ने कहा कि जो लोग सरकार की तेज गति से खुश नहीं है, वे ही इसके  आलोचक बन गए हैं। उन्होंने कहा कि देश निर्णय लेने की धीमी रफ्तार के लिए तैयार नहीं है। सरकार किस दिशा में आगे बढ़ रही है, उसके बारे में पूरी स्पष्टता है। यह दिशा वृद्धि और विकास की है। (भाषा)

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