Weather Forecast Today: एक ओर जहां अब ठंड धीरे-धीरे कम होती जा रही है, वहीं दूसरी ओर पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और उत्तर-पश्चिम भारत के राज्यों में मौसम में बदलाव देखा जा रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पश्चिमी हिमालय (Himalayan) क्षेत्र में 17 से 20 फरवरी तक तेज वर्षा, बर्फबारी और तूफान की आशंका जताई है। आईएमडी ने मैदानी भागों में वर्षा की आशंका जताई है।
आईएमडी के अनुसार उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में भी 19 से 22 फरवरी के बीच बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। नॉर्थईस्ट के राज्यों में 21 से 24 फरवरी के बीच हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों- जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में 17 से 22 फरवरी तक तेज बारिश और बर्फबारी होने वाली है।
बिजली कड़कने और आंधी-तूफान की चेतावनी : मौसम विभाग के अनुसार इसके अलावा कुछ इलाकों में बिजली कड़कने और आंधी-तूफान की भी चेतावनी जारी की गई है। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 19 फरवरी को बहुत ज्यादा तेज बारिश रिकॉर्ड की जा सकती है। जम्मू डिवीजन में 18 फरवरी, हिमाचल प्रदेश में 18 और 19 फरवरी, उत्तराखंड में 18 से 20 फरवरी के बीच ओले गिरने की भी चेतावनी जारी की गई है।
आज के मौसम की संभावित गतिविधि : स्काईमेट वेदर (skymet weather) के अनुसार आज शनिवार को ताजा पश्चिमी विक्षोभ के मद्देनजर 17 से 20 फरवरी के बीच पश्चिमी हिमालय में बिजली गिरने और ओलावृष्टि के साथ व्यापक रूप से हल्की से मध्यम बारिश के साथ कई स्थानों पर भारी बारिश संभव है।
तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश होने उम्मीद : पंजाब में 18 से 20 फरवरी के बीच, हरियाणा, पश्चिम उत्तरप्रदेश और दिल्ली में 19 से 21 फरवरी के बीच गरज, बिजली, ओलावृष्टि और 30 से 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की उम्मीद है। 19 से 20 फरवरी के बीच राजस्थान में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। 17 फरवरी को बिहार और ओडिशा के अलग-अलग इलाकों में सुबह के समय घना कोहरा छाए रहने का अनुमान है।
छत्तीसगढ़ के मध्य भागों और आसपास के निचले स्तरों पर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। उत्तरी आंतरिक कर्नाटक से लेकर उत्तरी तेलंगाना और दक्षिणी विदर्भ से होते हुए एक निम्न दबाव की रेखा छत्तीसगढ़ के मध्य भागों पर चक्रवाती परिसंचरण तक फैली हुई है। उत्तरी बांग्लादेश और आसपास के क्षेत्रों पर चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 1।5 तक फैला हुआ है। पश्चिमी विक्षोभ के 17 फरवरी से पश्चिमी हिमालय क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है।