Jharkhand politics : झारखंड में झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के सबसे छोटे बेटे बसंत सोरेन और 7 अन्य ने शुक्रवार को चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कांग्रेस के 12 विधायक नाराज नजर आ रहे हैं।
मंत्रियों को विभागों के आवंटन के तुरंत बाद कांग्रेस में कलह सामने आ गई। कांग्रेस विधायकों के एक समूह ने पार्टी के प्रदेश प्रमुख राजेश ठाकुर से मुलाकात की और नए मंत्रिमंडल में पार्टी के कोटे से मंत्रियों की पुनरावृत्ति के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया।
कांग्रेस के चार नेताओं-आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख को चंपई सोरेन के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। कांग्रेस के ये चारों नेता हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले पिछले मंत्रिमंडल का भी हिस्सा थे।
पार्टी विधायक दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि हम इस बार मौका चाहते थे। कांग्रेस विधायक जयमंगल सिंह ने कहा कि समूह ने इस मामले पर पार्टी प्रमुख को 12 विधायकों द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र सौंपा है।
इधर मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक बैद्यनाथ राम ने कहा कि वह इस अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे और जरूरी हुआ तो अगले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे।
उनका कहना है कि सब कुछ तय हो गया था और मेरा नाम मंत्रियों की सूची में शामिल किया गया। लेकिन, आखिरी वक्त पर मेरा नाम काट दिया गया। यह अपमान है। मैं इसे बर्दाश्त नहीं करूंगा।