भारत ने हमेशा कहा है कि यूएनएमओजीआईपी अपनी ‘प्रासंगिकता खो चुका है’ और उसके पास निभाने के लिए कोई भूमिका नहीं है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव के तहत और जुलाई 1949 में हुए कराची समझौते के तहत यूएनएमओजीआईपी की स्थापना संघर्षविराम रेखा की निगरानी करने के लिए की गई थी। (भाषा)