एलओसी पर तैनात हुईं बोफोर्स तोपें

सुरेश एस डुग्गर

रविवार, 23 जुलाई 2017 (21:01 IST)
श्रीनगर। पाकिस्तान के किसी भी दुस्साहस से निपटने को अगर एलओसी पर ‘अधिकतम सतर्कता’बरती जा रही है, वहीं सेना ने पिछले हफ्ते ही हजारों सैनिकों को एलओसी के उन गैपों को भरने की खातिर रवाना कर दिया जो सीजफायर के कारण खुले छोड़ दिए गए थे। साथ ही 814 किमी लंबी एलओसी पर करगिल युद्ध में कमाल दिखाने वाली बोफोर्स तोपों की भी तैनाती की कवायद तेज हो गई है।
 
सेना की नार्दन कमान स्थित सेनाधिकारियों ने इन खबरों की पुष्टि की है, लेकिन साथ ही कहा है कि अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती आने वाले दिनों में घुसपैठ के बढ़ने की शंकाओं के कारण की जा रही है जबकि बोफोर्स जैसे तोपखानों के प्रति वे कहते थे कि वे शुरू से वहीं हैं और सिर्फ उनकी साफ-सफाई का कार्य चल रहा है क्योंकि सीजफायर के 14 सालों में उनके इस्तेमाल नहीं हो पाने के कारण उनकी ओर ध्यान कम ही दिया जा रहा था।
 
अधिकारी इसे मानते थे कि एलओसी पर गैपों को भरने के साथ ही अतिरिक्त सैनिक साजो-सामान एकत्र किया जा रहा है। वे कहते थे कि ऐसा कदम उठाना लाजिमी इसलिए हो गया था क्योंकि पाक सेना एलओसी के उस पार अपने जवानों को युद्ध की स्थिति में ले आई है और उसने अफगानिस्तान के बार्डर से हजारों फौजियों को शिफ्ट किया है।
 
हालांकि इन अधिकारियों का कहना था कि भारतीय सेना किसी भी हमले, दुस्साहस ओर स्थिति से निपटने को पूरी तरह से तैयार हैं और इंटरनेशनल बॉर्डर पर अतिरिक्त सैनिकों को फिलहाल न भिजवाने के पीछे का कारण वे यह बताते थे कि इससे लोगों में दहशत फैल सकती है इसलिए सैनिकों को रक्षा खाई के पीछे ही युद्ध से निपटने की स्थिति में रखा गया है।
 
एलओसी पर सैनिक मूवमेंट की पुष्टि अगर नागरिक प्रशासन भी करता था तो सीमांत क्षेत्रों के लोग भी करते थे। उड़ी के अहमद खान का कहना था कि पिछले कुछ दिनों से उसने जितनी आर्मी मूवमेंट देखी है, शायद ही कभी देखी हो।
 
पुंछ में भी ऐसा ही है। सखी मैदान इलाके में सेना ने पूरा आर्टिलरी बिग्रेड तैनात किया है। परगवाल के इलाके में टैकों की आवाजाही को बढ़ाया जा चुका है। करगिल युद्ध के दौरान भी इन इलाकों में ऐसी ही मूवमेंट थी और पुंछ में बोफोर्स तोपों ने बिना युद्ध के ही कहर बरपाया था। असल में पांच साल पहले तक एलओसी पर दोनों ओर के तोपखाने कभी शांत ही नहीं हुए थे।
 
इंटरनेशल बॉर्डर पर उस पार पाक सेना द्वारा माइन्स दबाने की खबरों पर सेना प्रवक्ता का कहना था कि ऐसी खबरें मिली हैं पर इस ओर फिलहाल ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा है। बस स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

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