एलओसी पर घमासान, हजारों बेघर

सुरेश एस डुग्गर
श्रीनगर। एलओसी के कई इलाकों से हजारों सीमावासियों को इसलिए बेघर होना पड़ा क्योंकि अपनी कई पोस्टों की तबाही और कई सैनिकों की मौतों के बाद पाक सेना बिफरी हुई है। बौखलाहट में वह एलओसी के कई इलाकों में रिहायशी बस्तियों को निशाना बनाते हुए तोपखानों से हमला कर रही है। नतीजतन जानमाल की क्षति के डर से भारतीय सेना के निर्देशों के बाद हजारों सीमावासियों ने पलायन का रास्ता अख्तियार कर लिया है।
 
 
दरअसल, पाकिस्तान लगातार सीमा व एलओसी पर सीजफायर उल्लंघन और घुसपैठ की कोशिश कर रहा है। मगर भारतीय जवान भी पाकिस्तान की नापाक हरकतों का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। परिणामस्वरूप कई सेक्टरों में हुई भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में दर्जनभर पाक सैनिकों के ढेर होने की खबर है और कम से कम 6 पाकिस्तानी पोस्टों के भी तबाह होने की खबर है। ये वो फारवर्ड पोस्टें थीं, जहां से वे घुसपैठियों की मदद करते थे। 
 
अधिकारी 4 पाकिस्तानी सैनिकों के ढेर होने की पुष्टि करते हुए कहते हैं कि पड़ोसी देश नहीं चाहता कि भारत में शांति का माहौल हो। इसलिए वह इस तरह की हरकतें कर रहा है। हालांकि हमारे जवान भी उन्हें करारा जवाब दे रहे हैं।
 
इस बीच, मेंढर सेक्टर से सीमा पार की गई भारतीय कार्रवाई का एक वीडियो सामने आया है। इसके अनुसार, एलओसी के पार पांच सौ मीटर अंदर पाकिस्तानी सेना की 6 पोस्टों को बर्बाद कर दिया गया है। बताया जा रहा है पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तानी सेना अपनी इन्हीं पोस्टों से लगातार भारतीय सैन्य चौकियों को निशाना बनाकर गोलाबारी कर रही थी। इन पोस्टों से आतंकियों को भारतीय क्षेत्र में दाखिल करवाने का बार-बार प्रयास किया जा रहा था।
 
 
उड़ी सेक्टर में भी एलओसी के करीब बसे गांवों में रहने वाले लोग इलाके में पाकिस्तानी सैनिकों की गोलाबारी की वजह से अपना घर-बार छोड़कर सुरक्षित स्थानों का रुख करने लगे हैं। अधिकारियों ने आज बताया कि सोमवार से थोड़े-थोड़े समय के अंतराल पर पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा नियमित तौर पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करने की वजह से सिलीकोट, बालकोट, तिलवाड़ी, चुरांडा और बाटगढ़ के निवासियों ने आज तड़के से अपना घर छोड़ना शुरू कर दिया।
 
 
उन्होंने कहा कि सरहदी गांवों से विस्थापित इन लोगों को उड़ी शहर में सरकारी कन्या उच्चतर माध्यमिक स्कूल में अस्थायी शिविरों में रखा जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन विस्थापितों का पंजीकरण कर रहा है और उन्हें सुविधा मुहैया करा रहा है। निवासियों ने मांग की है कि सरकार सुनिश्चित करे कि संघर्ष विराम का उल्लंघन नहीं हो या सुरक्षित स्थानों पर इन लोगों का पुनर्वास करे, जहां वे बिना डर के रह सकें।
 
 
अस्थायी शिविर में रहने को मजबूर गुलाम मोहम्मद मीर ने कहा कि हम भारत और पाकिस्तान की सरकारों से चाहते हैं कि वे संघर्ष विराम का उल्लंघन बंद करें, क्योंकि इसने हमारी जिंदगियों को मुश्किल बना दिया है। अगर सरहद पर गोलाबारी और गोलीबारी जारी रहती है तो राज्य सरकार को हमें सुरक्षित स्थानों पर पांच मारला का प्लॉट देना चाहिए ताकि हम अमन-चैन से रह सकें।
 
इससे पहले सोमवार को पाकिस्तानी गोलाबारी के मद्देनजर थजाल और सोनी के निवासियों को पुलिस सुरक्षित स्थानों पर लेकर गई। पाकिस्तानी सैनिकों ने उड़ी सेक्टर में पहले सोमवार को और फिर बुधवार तथा गुरुवार को संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था।
 
 
बीते चार दिनों में पाकिस्तानी सेना द्वारा उड़ी सेक्टर में संघर्ष विराम उल्लंघन का यह दूसरा और उत्तरी कश्मीर में चौथा मामला है। इस सप्ताह सोमवार को पाकिस्तानी सैनिकों ने उड़ी सेक्टर के इसी इलाके में भारतीय ठिकानों पर गोलाबारी की थी, जिसमें तीन ग्रामीण जख्मी हुए थे। मंगलवार को टंगडार सेक्टर में पाकिस्तानी गोलाबारी में बीएसएफ का एक जवान शहीद हो गया था और बुधवार को भारतीय सेना की कार्रवाई में एक पाकिस्तानी चौकी तबाह होने के अलावा दो पाकिस्तानी सैनिक भी मारे गए थे।
 
 
संबंधित अधिकारियों ने बताया सुबह आठ बजे पाक अधिकृत कश्मीर के हाजीपीर सेक्टर में तैनात पाकिस्तानी सैनिकों ने उड़ी सेक्टर के चुरंडा, तिल्लावारी व उसके साथ सटे अग्रिम गांवों व सैन्य चौकियों को निशाना बनाया, जिस इलाके में गोलाबारी हुई वह रुस्तम और टीका चौकियों के दायरे में आता है। भारतीय जवानों ने भी पाकिस्तानी गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया।
 
स्थिति यह है कि एलओसी के कई सेक्टरों में हालात मिनी युद्ध से बन चुके हैं। दोनों ओर से संघर्ष विराम के बावजूद तोपखानों का इस्तेमाल खुलकर किए जाने से संघर्ष विराम की धज्जियां उड़ रही हैं और दोनों सेनाओं के बीच हजारों मासूम सीमावासी पिसने को मजबूर हैं।

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