बहुजन समाज पार्टी (BSP) के नेता दानिश अली (Danish Ali) ने रविवार को आरोप लगाया कि लोकसभा में मौखिक लिंचिंग के बाद अब सदन के बाहर लिंचिंग के लिए विमर्श तैयार किया जा रहा है। अली ने यह टिप्पणी भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) के आरोप के जवाब में की।
दुबे ने आरोप लगाया था कि अली ने अपशब्द बोले थे जिसकी वजह से पार्टी के सांसद रमेश बिधूड़ी भड़के।
लोकसभा में गत गुरुवार को चंद्रयान-3 पर चर्चा के दौरान बिधूड़ी ने कथित तौर पर बसपा सदस्य अली पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया और विपक्षी नेताओं ने भाजपा सांसद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
दुबे ने शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर बसपा सांसद दानिश अली के अशोभनीय आचरण और टिप्पणियों की भी जांच कराने की मांग की।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में दुबे ने अली पर बृहस्पतिवार को लोकसभा में बिधूड़ी के भाषण के दौरान टोका-टोकी करने तथा अप्रिय टिप्पणियां करने का आरोप लगाया एवं कहा कि उनके ऐसा करने का मकसद उन्हें (बिधूड़ी को) उकसाना था कि वह अपना धैर्य खो दें।
दुबे के आरोपों पर अली ने कहा कि मैंने निशिकांत दुबे का पत्र देखा है। सदन के भीतर मेरी मौखिक लिंचिंग की गई अब सदन के बाहर मेरी लिंचिंग करने के लिए विमर्श तैयार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मैं लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह करूंगा कि इस आधारहीन आरोप की जांच कराई जाए। इस आधारहीन आरोप से निशिकांत के खिलाफ विशेषाधिकार उल्लंघन का मामला बनता है।
दुबे ने आरोप लगाया कि अली ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ बहुत ही आपत्तिजनक और अपमानजनक टिप्पणी की।
साथ ही, दुबे ने स्पष्ट शब्दों में बिधूड़ी की टिप्पणियों की निंदा करते हुए कहा कि कोई भी सभ्य समाज उन्हें सही नहीं ठहरा सकता।
अली ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर जारी पोस्ट में कहा, सिद्धांत है कि चीजें खुद बोलती हैंऔर श्री निशिकांत दुबे के दावे का कोई आधार नहीं है। जो हुआ वह धब्बा है और निश्चित तौर पर इससे इनकार नहीं किया जा सकता। घटनाओं को काल्पनिकता का जामा पहनाना और तथ्यों से खेलना इस बार काम नहीं आएगा ।
अली ने कहा कि आज भाजपा के कुछ नेता एक विमर्श चलाने का प्रयास कर रहे हैं कि संसद में मैंने रमेश बिधूड़ी को भड़कया, जबकि सच्चाई यह है कि मैंने प्रधानमंत्री पद की गरिमा को बचाने का काम किया और सभापति जी को मोदी जी से संबंधित घोर आपत्तिजनक शब्दों को सदन की कार्यवाही से हटाने की मांग की थी।
बिधूड़ी मामले पर विपक्षी पार्टियों ने अली का समर्थन किया है और सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधा है। भाषा