शर्मा ने दी थी चुनौती : भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अध्यक्ष आरएस शर्मा ने आधार की सुरक्षा का पुख्ता दावा करते हुए अपना 12 अंकों का आधार नंबर जारी करते हुए कहा था कि अगर इससे सुरक्षा से जुड़ा कोई खतरा है, तो कोई मेरे आंकड़े लीक करके दिखाएं और उनकी इस चुनौती के कुछ घंटे बाद ही उनके आंकड़े लीक हो गए। यहां तक कि हैकर्स उनके बैंक खाते में 1 रुपए जमा कर उसका स्क्रीन शॉट भी ट्वीट कर दिया था।
वेणुगोपाल ने इसे गंभीर स्थिति बताया और कहा कि ट्राई जैसे महत्वपूर्ण संस्थान के अध्यक्ष की निजी सूचनाएं आधार में सुरक्षित नहीं हैं तो आम लोगों की स्थिति का आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होंने निजी सूचनाएं सार्वजनिक करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की और कहा कि सरकार को आधार में मौजूद लोगों की निजी जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए पुख्ता इंतजाम करने और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की। यदि निजी सूचनाएं सार्वजनिक होंगी तो वैश्विक अपराधियों की निगाह इस पर पड़ सकती है और आधार नंबर के जरिए वे निजी जानकारी जुटाकर बड़े अपराध को अंजाम दे सकते हैं।
यूआईडीएआई ने दावे को बताया था गलत : आधार की रेगुलेटरी बॉडी यूआईडीएआई ने एक बयान में कहा था कि कई लोगों द्वारा ट्राई चेयरमैन आरएस शर्मा के आधार नंबर को यूज करके उनकी पर्सनल डीटेल्स पाने के दावे गलत हैं। यह सारी डीटेल्स पहले से पब्लिक डोमेन में मौजूद हैं और बिना आधार कार्ड के भी पाई जा सकती है। (एजेंसियां)