लोकसभा में 62 घंटे, राज्यसभा में 43 घंटे काम हुआ, हंगामे की भेंट चढ़ा सत्र का बड़ा हिस्सा

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शुक्रवार, 20 दिसंबर 2024 (21:55 IST)
Winter session of Parliament: संसद का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया, जिसमें देश के संविधान की यात्रा पर विस्तृत चर्चा और ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ से संबंधित दो विधेयकों के पेश किए जाने के साथ ही कुछ मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव की स्थिति रही। लोकसभा में कई मुद्दों पर गतिरोध के बीच कामकाज की उत्पादकता 57.87 प्रतिशत रही। सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे आरंभ होने के बाद कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ और उससे जुड़े ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ को संसद की संयुक्त समिति के विचार के लिए भेजे जाने का प्रस्ताव रखा। सदन ने ध्वनिमत से इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
 
संसद की मर्यादा सबकी जिम्मेदारी : इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बृहस्पतिवार को संसद परिसर में सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच हुई कथित धक्का-मुक्की का हवाला देते हुए कहा कि संसद की मर्यादा और गरिमा सुनिश्चित करना सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि संसद के किसी भी द्वार और परिसर के भीतर धरना-प्रदर्शन नहीं करना है और यदि ऐसा होता है तो उचित कार्रवाई की जाएगी। ALSO READ: संसद मामले को लेकर कांग्रेस ने लगाया यह आरोप, प्रधानमंत्री मोदी से की माफी की मांग
 
इसके बाद बिरला ने राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ की धुन बजाने के लिए कहा। ‘वंदे मातरम’ की धुन के पश्चात उन्होंने सदन की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। सत्र के दौरान लोकसभा की 20 बैठकें हुईं, जो 62 घंटे तक चलीं और उत्पादकता 57.87 प्रतिशत रही। सत्र के दौरान लोकसभा में पांच सरकारी विधेयक पुरःस्थापित किए गए और चार विधेयक पारित किए गए। शून्यकाल के दौरान अविलंबनीय लोक महत्व के 182 मामले और नियम 377 के अंतर्गत 397 मामले उठाए गए। कांग्रेस सांसदों, प्रियंका गांधी वाद्रा और रवींद्र चव्हाण ने इस सत्र के दौरान शपथ ली। 
 
एक देश, एक चुनाव विधेयक पेश : इस सत्र में सरकार ने ‘एक देश-एक चुनाव’ संबंधी विधेयक पेश किए, जिनका लगभग सभी विपक्षी दलों ने विरोध किया। बाद में इसे संसद की संयुक्त समिति के विचार के लिए भेजा गया। गत 25 नवंबर को सत्र की शुरुआत से ही कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने अदाणी से जुड़े आरोपों, उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा तथा कुछ अन्य विषयों को लेकर जोरदार हंगामा किया और कई दिनों तक सदन की कार्यवाही बाधित रही। ALSO READ: संसद में धक्कामुक्की : मल्लिकार्जुन खरगे के साथ हुआ दुर्व्यवहार, कांग्रेस ने लगाया आरोप, पुलिस से की शिकायत
 
संविधान की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा के लिए सरकार के सहमत होने के बाद सत्र की कार्यवाही आगे बढ़ी। लोकसभा में संविधान पर हुई दो-दिवसीय चर्चा का जवाब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिया। इस सत्र में लोकसभा ने वर्ष 2024-25 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों के प्रथम बैच और उससे संबंधित विनियोग (संख्याक-3) विधेयक, 2024 को मंजूरी दी।
 
कई विधेयक पारित : सत्र के दौरान लोकसभा में ‘रेल (संशोधन) विधेयक, 2024’, ‘बैंककारी विधियां (संशोधन) विधेयक, 2024’, ‘आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024’ पारित किए गए। सरकार ने इस सत्र में लोकसभा में वाणिज्य पोत परिवहन विधेयक, 2024 पेश किया, जिसमें अंतरराष्ट्रीय व्यापार के अवसरों का विस्तार करने, जहाजों के स्वामित्व के लिए पात्रता मापदंड बढ़ाने और भारतीय टन भार में वृद्धि के लिए प्रावधान हैं। ALSO READ: राहुल गांधी ने संसद परिसर में की गुंडागर्दी, घायल सांसदों से मिले शिवराज
 
इस सत्र के दौरान निचले सदन में सदस्यों ने लोक महत्व के कई मुद्दे उठाए और इनमें बांग्लादेश में हिंदू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार के विषय की गूंज सबसे अधिक सुनाई दी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने सरकार से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया। ‘एक देश-एक चुनाव’ संबंधी विधेयक के लिए सदन में हुए मत विभाजन में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम का इस्तेमाल किया गया। नए संसद भवन में यह पहला मौका था जब इलेक्ट्रॉनिक मत विभाजन हुआ।
 
जेपीसी के लिए 12 सदस्य : राज्यसभा का 266वां सत्र भी शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे जब सदन की बैठक दोबारा शुरु हुई तो सदन ने देश में संसदीय और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले विधेयक तथा उससे संबंधित एक अन्य विधेयक पर विचार के लिए गठित की जाने वाली समिति में उच्च सदन के 12 सदस्यों को नामित करने के प्रस्ताव को ध्वनि मत से मंजूरी दी। ALSO READ: राहुल गांधी ने बताया, संसद में क्यों हुई धक्का मुक्की? कांग्रेस ने शेयर किया वीडियो
 
इसके बाद, सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्होंने नेता सदन जेपी नड्डा, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित अन्य नेताओं से अपने कक्ष में चर्चा की और उनकी सलाह पर सदन को अनिश्चिकाल के लिए स्थगित करने का फैसला किया है। सभापति ने कहा कि राज्यसभा के 266वें सत्र की शुरुआत संसद के केंद्रीय कक्ष में संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम से हुई लेकिन सदन में सदस्यों का जो व्यवहार देखने को मिला, वह अलग ही कहानी बयां करता है।
राज्यसभा में 43 घंटे काम हुआ : उन्होंने कहा कि सदन में 40.03 प्रतिशत ही कामकाज हो सका। उन्होंने कहा कि सदन में कुल 43.27 घंटे ही प्रभावी कार्यवाही हुई जिसमें दो विधेयक पारित किए गए और भारत-चीन संबंधों पर विदेश मंत्री का बयान हुआ। इसके बाद धनखड़ ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।
 
इससे पहले, सुबह 11 बजे कार्यवाही आरंभ होते ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की, संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर पर की गई टिप्पणी को लेकर विपक्षी दलों ने हंगामा किया, जिसके कारण उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। कार्यवाही स्थगित करने से पहले सभापति ने नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से उनके कक्ष में मिलने को कहा कि ताकि उच्च सदन में जारी गतिरोध को दूर किया जा सके।
 
सभापति धनखड़ की चिंता : इससे पहले, सुबह सदन की बैठक आरंभ होते ही पूरा सदन ‘जय भीम’ के नारों से गूंज उठा। इसी बीच, सभापति धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। सभापति धनखड़ ने संसद में लगातार हो रहे हंगामे और कार्यवाही बाधित होने पर चिंता जताई और सभी पक्ष के सदस्यों से इस पर आत्मचिंतन करने को कहा। उन्होंने कहा कि दुनिया हमारे लोकतंत्र को देख रही है, फिर भी हम अपने आचरण से अपने नागरिकों को निराश कर देते हैं। ये संसदीय व्यवधान जनता के विश्वास और उनकी अपेक्षाओं का मजाक उड़ाते हैं। परिश्रम के साथ सेवा करने का हमारा मौलिक कर्तव्य भी नजरअंदाज कर दिया जाता है।
 
उन्होंने कहा कि जहां तर्कसंगत संवाद होना चाहिए, हम केवल अराजकता देखते हैं। मैं हर सदस्य से, चाहे वह किसी भी पार्टी के हों, अपनी अंतरात्मा को टटोलने का आग्रह करता हूं। सभापति ने कहा कि हमारे लोकतंत्र के नागरिक इस ‘तमाशे’ से बेहतर के हकदार हैं। उन्होंने कहा कि हम उन बहुमूल्य अवसरों को गंवा देते हैं, जिनका उपयोग लोगों की भलाई के लिए कर सकते हैं। मैं आशा करता हूं कि सदस्य गहराई से आत्ममंथन करेंगे और नागरिकों के प्रति अपनी जवाबदेही का उपयोग करेंगे।
 
पवित्र आचरण की आवश्यकता : उन्होंने कहा कि पवित्र कक्ष में ऐसे आचरण की आवश्यकता है, जो हमारी शपथ का सम्मान करते हैं, न कि नाटकीयता की जो इसे धोखा देती है। इसी बीच, विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरु कर दिया जिसके बाद सभापति ने 11 बजकर 7 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
 
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि शाह ने राज्यसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया। मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश भी जारी किया जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं कि ‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर...। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
  

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