नई दिल्ली। सरकार ने पिछले 2 वित्त वर्ष में रसाई गैस सब्सिडी में 21,000 करोड़ रुपए से अधिक की बचत की है, क्योंकि सब्सिडी की रकम को सीधे वास्तविक उपयोक्ताओं के बैंक खातों में भुगतान करने से नकली कनेक्शन और चोरबाजारी की समस्या पर रोक लगाने मदद मिली है। यह बात बुधवार को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कही।
प्रधान ने सब्सिडी पर आयोजित एक गोष्ठी में कहा कि 3.34 करोड़ ऐसे उपभोक्ताओं को हटाने से 2014-15 में 14,672 करोड़ रुपए बचाने में मदद मिली तथा 2015-16 करीब 7,000 करोड़ रुपए की बचत हुई, जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले कम है। यह कमी मुख्य तौर पर वैश्विक स्तर पर तेल और गैस के मूल्यों में गिरावट के चलते हुई, क्योंकि इससे सब्सिडी की जरूरत कम हुई।
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2014-15 में प्रति सिलिंडर सब्सिडी औसतन 366 रुपए थी। यदि हम प्रति कनेक्शन 12 सिलिंडर पर 336 रुपए प्रति सिलिंडर सब्सिडी की दृष्टि से 3.34 करोड़ बंद फर्जी कनेक्शनों का हिसाब जोड़ें तो इस लिहाज से उस साल एलपीजी सब्सिडी के तौर पर अनुमानित 14,672 करोड़ रुपए की बचत हुई।