नई दिल्ली। भारत और चीन की सेनाओं के बीच मंगलवार को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की एक और दौर की बातचीत होगी, ताकि पूर्वी लद्दाख में तनाव को कम किया जा सके और संवेदनशील क्षेत्र से सेनाओं को पीछे करने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया जा सके।
सूत्रों ने कहा कि यह लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की तीसरे दौर की बातचीत होगी और यह चुशूल सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय जमीन पर होगी। बातचीत शुरू होने का समय सुबह 10:30 बजे का रखा गया है।
पहले दो दौर की वार्ताओं में भारतीय पक्ष ने यथास्थिति की बहाली और गलवान घाटी, पैंगोंग सो और अन्य क्षेत्रों से हजारों चीनी सैनिकों की तत्काल वापसी पर जोर दिया था। पहली 2 बैठकें मोल्दो में एलएसी पर चीन की तरफ हुई थीं।
पूर्वी लद्दाख में कई जगहों पर पिछले 7 सप्ताह से भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं। 15 जून को गलवान घाटी में हुए संघर्ष में 20 भारतीय जवानों के वीरगति को प्राप्त होने के बाद तनाव कई गुना बढ़ गया है।
दूसरे दौर की वार्ता में 22 जून को दोनों पक्षों के बीच पूर्वी लद्दाख में तनाव वाले स्थानों पर पीछे हटने के लिए परस्पर सहमति बनी थी। सूत्रों ने कहा कि मंगलवार को बलों को पीछे हटाने को लेकर हुए फैसले को क्रियान्वित करने की दिशा में आगे बढ़ने पर दोनों पक्षों के चर्चा करने की उम्मीद है।
वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह करेंगे जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के कमांडर कर सकते हैं।
गलवान में दोनों पक्षों के बीच 15 जून की रात को हिंसक झड़प हुई थी, जिसके बाद दोनों पक्षों ने कम से कम तीन दौर की मेजर जनरल स्तर की वार्ता की ताकि तनाव को कम करने के तरीकों का पता लगाया जा सके।