उमंग सिंघार ने अपने पत्र में दिग्विजय सिंह पर आरोप लगाया कि वो मंत्रियों के कामकाज में दखलंदाजी करने के साथ ही ट्रांसफर और पोस्टिंग का हिसाब किताब मांग रहे है। इसके साथ ही उमंग सिंघार ने अपने पत्र में दिग्विजय सिंह पर कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने का भी आरोप लगाया है। उनका कहना हैं कि पिछले दिनों दिग्विजय सिंह के मंत्रियों को लिखे पत्र को सिंघार ने सरकार के कामकाज में दखल बताते हुए कहा कि इससे विपक्ष के आरोपों को बल मिलता है जिसमें विपक्ष ये आरोप लगाता है कि प्रदेश में सरकार कमलनाथ नहीं बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह चला रहे है।
वे लगातार मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों को पत्र लिखकर और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं, ये पत्र मजबूत विपक्ष दल के लिए एक मुद्दा बन जाता है। दिग्विजय सिंह के पत्र को लेकर विपक्ष आए दिन मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनकी सरकार को घेरने के असफल प्रयास में लगा रहता है।
सिंहस्थ घोटाले की जांच पर उठाए सवाल - कैबिनेट मंत्री उमंग सिंघार ने अपने पत्र में दिग्विजय सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह व्यापम घोटला,ई टेडंरिंग घोटाला, वृक्षारोपण घोटालों को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखे लेकिन सिंहस्थ घोटाले को लेकर किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाते है, क्योंकि सिहंस्थ घोटाले से संबंधित विभाग दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह के पास है।
जयवर्धन सिंह ने विधानसभा में सिंहस्थ घोटाले से संबंधित सवाल के उत्तर में कहा कि सिंहस्थ घोटाला नहीं हुआ जबकि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने सिंहस्थ घोटाले को बड़ा मुद्दा बनाया था। उमंग सिंघार ने सोनिया गांधी से शिकायत में कहा कि अगर पार्टी के अन्य सांसद और नेता भी मंत्रियों को लिखे पत्रों का हिसाब-किताब लेना शुरु कर देंगे, यदि यह पंरपरा पड़ गयी तो मंत्री सरकारी काकाज और जनहितैषी योजनाओं का क्रियान्वयन कैसे कर पाएंगे।