Supreme Court rebuke to Madhya Pradesh government: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश सरकार और इसके अधिकारियों की मनमानी एवं अड़ियल रवैये को लेकर उन्हें फटकार लगाई तथा निर्देश दिया कि एक महिला को संविदा शाला शिक्षक ग्रेड-3 या समकक्ष पद पर 60 दिन के अंदर नियुक्त किया जाए।
10 लाख का जुर्माना लगाया : शीर्ष अदालत ने उल्लेख किया कि महिला ने अगस्त 2008 में संविदा शाला शिक्षक ग्रेड-3 में चयन के लिए परीक्षा उत्तीर्ण की थी, लेकिन उसे कोई नियुक्ति पत्र नहीं जारी किया गया। न्यायालय ने मप्र सरकार पर 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया और कहा कि 60 दिनों के अंदर यह रकम महिला को अदा की जाए। ALSO READ: सुप्रीम कोर्ट: सात फेरों के बिना वैध नहीं हिंदू विवाह
पीठ ने अपने फैसले में कहा कि 31 अगस्त 2008 को संविदा शाला शिक्षक ग्रेड-3 पद के लिए आयोजित चयन परीक्षा उत्तीर्ण करने के बावजूद, अपीलकर्ता (स्मिता श्रीवास्तव) को उसकी सफलता का फल नहीं मिला। न्यायालय ने श्रीवास्तव की अपील पर अपना फैसला सुनाया, जिन्होंने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा मई और अगस्त 2022 में जारी किए गए आदेशों को चुनौती दी थी। ALSO READ: सुप्रीम कोर्ट ने दी अहम सलाह, सहनशीलता और सम्मान एक अच्छे विवाह की नींव(भाषा)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala