महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के लिए वोटिंग हो रही है। महाराष्ट्र की सत्ता हासिल करने के लिए शिवसेना के दोनों गुट, भाजपा, कांग्रेस और एनसीपी मैदान में हैं। राजनीतिक रस्साकशी जारी है। इस बीच महाराष्ट्र की सत्ता की चाबी किसके हाथ आएगी यह तो वोटिंग के बाद आने वाले परिणाम से ही पता चलेगा, लेकिन इस बीच जानते हैं आखिर क्यों महाराष्ट्र को आर्थिक राजधानी कहा जाता है और देश की जीडीपी में इस राज्य का कितना योगदान है।
GDP में महाराष्ट्र का योगदान: फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के महाराष्ट्र के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार राज्य की इकोनॉमी 7.6 प्रतिशत की दर से बढ़ी। आर्थिक समीक्षा के अनुसार 2023-24 राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) 40,44,251 करोड़ रुपए रहा। वहीं फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए राज्य का सकल घरेलू उत्पादन 42,67,771 करोड़ रहने का अनुमान है। जो कि 2023-24 के मुकाबले 5.5 प्रतिशत ज्यादा है। वहीं देश की GDP में महाराष्ट्र का योगदान बाकी राज्यों के मुकाबले सबसे ज्यादा है। देश की GDP में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 13.9 प्रतिशत है जो कि इस राज्य को खुद ब खुद आर्थिक राजधानी का दर्जा दिलाती है।
डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में महाराष्ट्र : देश में मौजूदा बड़ी कंपनियों का हेड ऑफिस महाराष्ट्र में है। वहीं महाराष्ट्र में प्रति व्यक्ति औसत आय भी अच्छी है। इसी वजह से महाराष्ट्र डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के मामले में देश का पहले नंबर का राज्य है। बीते फाइनेंशियल ईयर में महाराष्ट्र में 7,61,716.30 करोड़ रुपए का डायरेक्ट टैक्स आया। वहीं देशभर में जो कुल डायरेक्ट टैक्स आता है, उसमें महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 39 प्रतिशत है।
प्रति व्यक्ति आय में महाराष्ट्र : 2023-24 के महाराष्ट्र के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार राज्य की प्रति व्यक्ति आय 2,52,389 सालाना रही। जो देश में छठे नंबर पर है। पहले नंबर पर तेलंगाना है जहां प्रति व्यक्ति आय 3,11,649 रुपए है। फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में देश के कुल निर्यात में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत रही। महाराष्ट्र राष्ट्रीय औद्योगिक उत्पादन में 20 प्रतिशत का योगदान देता है। अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक महाराष्ट्र ने 67.21 बिलियन डॉलर मूल्य का निर्यात किया गया।
Edited By: Navin Rangiyal