महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का शपथ ग्रहण का मंच विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन का मंच बनने जा रहा है। मुंबई के ऐतिहासिक शिवाजी पार्क में होने वाले शपथ ग्रहण सामारोह के लिए तैयारियां तेज हो गई है। गुरुवार शाम 6.40 मिनट पर शिवसेना प्रमुख और महा विकास अघाड़ी (शिवेसन-एनसीपी- कांग्रेस ) गठबंधन के नेता मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
महाराष्ट्र के सियासी इतिहास में यह पहला मौका है जब बालासाहेब ठाकरे के परिवार से कोई सदस्य राज्य का मुख्यमंत्री बनने जा रहे है। उद्धव ठाकरे के भव्य शपथ ग्रहण को लेकर जहां शिवसेना के कार्यकर्ता जश्न में डूबे हुए है वहीं विपक्ष उद्धव ठाकरे के मंच से शक्ति प्रदर्शन कर सीधे मोदी –शाह को चुनौती देने की तैयारी में दिख रहा है।
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण के मंच को विपक्षी पार्टी अपनी एकता का प्रदर्शन मंच बनाने जा रहा है। शपथ ग्रहण सामारोह में कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के शामिल होने की उम्मीद है।
इसके साथ ही शपथ ग्रहण सामारोह में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघले और राजस्थान के अशोक गहलोत के शामिल होने की भी उम्मीद है। शपथ ग्रहण समारोह में दक्षिण के राज्यों के बड़े नेता चंद्रबाबू नायडू और केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन के शामिल होने की उम्मीद है। इसके साथ ही तीन दलों के गठबंधन वाली सरकार के शपथ ग्रहण सामारोह में विपक्ष के कई छोटे बड़े नेता शामिल हो सकते है।
विपक्ष उद्धव ठाकरे के मंच से भाजपा के साथ पूरे देश को यह संदेश देने की कोशिश में है कि क्षेत्रीय क्षत्रप मोदी के विजयी रथ को न केवल रोक सकते है ब्लकि हर मोर्च पर चुनौती भी दे सकते है। महाराष्ट्र में जिस तरह शिवसेना और एनसीपी की जुगलबंदी ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को हर मोर्चे पर पटखनी दी है उससे मिली संजीवनी का उपयोग विपक्ष पूरे देश में करने की जुगत में भिड़ गया है।