उन्होंने कहा कि आपने चुनाव में हार के डर से कृषि कानूनों को वापस लिया। आपको 700 से ज्यादा किसानों की मौत का कोई पछतावा नहीं है। आप किसानों को एमएसपी की गारंटी नहीं दे रहे हैं। आपने हर किसी के साथ धोखा किया। जैसे ही चुनाव नजदीक होते हैं, आप पगड़ी पहन लेते हैं और गठबंधन की पेशकश करते हैं। इस बार चौधरी भूलेंगे नहीं कि केंद्रीय मंत्री के बेटे ने 5 किसानों को अपनी गाड़ी से कुचल डाला।
समय पर बवाल : पीठासीन सभापति रमा देवी के बार-बार बैठने के आग्रह के बाद भी तृणमूल कांग्रेस सदस्य मोइत्रा ने अपनी बात जारी रखी। इसके कारण आईयूएमएल के ई टी मोहम्मद बशीर को कहना पड़ा था कि जब वह इस तरह से बोलना जारी रखेंगी तब मैं कैसे बोल सकता हूं, इनकी बात पूरी होने पर ही मेरा नाम पुकारें। उन्होंने कहा था कि सदन में व्यवस्था बननी चाहिए ताकि वह अपनी बात रख सकें।
वहीं, मोइत्रा ने बाद में ट्वीट किया था, 'लोकसभा अध्यक्ष ने मुझे 13 मिनट का समय दिया था लेकिन जब उनके कक्ष में उनके सामने यह बात रखी तो उन्होंने कहा कि वह उस समय आसन पर नहीं थे, इसलिये उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।'
तृणमूल कांग्रेस सांसद मोइत्रा ने अपने ट्वीट में यह भी कहा था, 'मैं गुस्से या प्यार से बोलूं, इस बारे में बीच में टोककर उपदेश देने वाला आसन कौन होता है ? यह आपका काम नहीं है, मैडम। आप मुझे नियमों के बारे में ही टोक सकती हैं। आप लोकसभा के लिए नैतिक शिक्षा की शिक्षक नहीं हैं।'