भोपाल। कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर संविधान को नष्ट करने और स्वायत्त संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने भाजपा के खिलाफ लड़ाई को अपनी पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती बताया। यदि वे पार्टी प्रमुख के पद पर चुने जाते हैं तो कांग्रेस का प्रधानमंत्री पद के लिए चेहरा होंगे के सवाल पर खड़गे ने सीधा उत्तर देने से परहेज किया और अपने गृह राज्य कर्नाटक में लोकप्रिय कहावत में कहा कि 'बकरीद में बचेंगे तो मोहर्रम में नाचेंगे।'
मध्यप्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में खड़गे ने कहा कि वे सामूहिक नेतृत्व में विश्वास करते हैं और यदि वे पार्टी के अध्यक्ष चुने जाते हैं तो संगठनात्मक मामलों पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, सोनिया गांधी के साथ-साथ राहुल गांधी से भी परामर्श करेंगे।
यदि वे पार्टी प्रमुख के पद पर चुने जाते हैं तो कांग्रेस का प्रधानमंत्री पद के लिए चेहरा होंगे के सवाल पर उन्होंने सीधा उत्तर देने से परहेज किया और अपने गृह राज्य कर्नाटक में लोकप्रिय कहावत में कहा, बकरीद में बचेंगे तो मोहर्रम में नाचेंगे।
राज्यसभा सांसद ने कहा कि मैं यहां संगठनात्मक चुनावों के लिए आया हूं। हम इन सब चीजों को बाद में देखेंगे। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि वह देश में संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए पार्टी के शीर्ष पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।
अनुभवी राजनेता ने कहा कि उन्हें कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मैदान में उतरने के लिए फोर्स (जोर) किया क्योंकि गांधी परिवार से कोई भी चुनाव लड़ने के लिए आगे नहीं आया और वे निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चुनाव प्रक्रिया से दूर रहना चाहते हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने भाजपा पर कांग्रेस के विधायकों की चोरी करने और लगभग आधा दर्जन राज्यों में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारों को गिराने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती मौजूदा भाजपा सरकार है, जो संविधान को नष्ट कर रही है और स्वायत्त संस्थाओं को कमजोर करने के साथ उनका दुरुपयोग कर रही है। खड़गे 17 अक्टूबर को पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव से पहले कांग्रेस प्रतिनिधियों को संबोधित करने भोपाल पहुंचे थे। अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए उनके सामने केरल से लोकसभा सदस्य शशि थरूर हैं।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में हमारी पार्टी लगभग 6 राज्यों में सत्ता में आई, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने हमारे विधायकों को चुरा लिया जिसके कारण हमने कर्नाटक, मध्यप्रदेश, मणिपुर, गोवा और महाराष्ट्र में सरकार खो दीं।
उन्होंने कहा कि एक तरफ वे कहते हैं कि कांग्रेस का कोई आधार नहीं है और लोग इसका समर्थन नहीं कर रहे हैं, लेकिन दूसरी ओर कांग्रेस की सरकारें जिन्हें मतदाताओं का समर्थन मिला और संविधान के अनुसार चुनी गई। उनके द्वारा गिरा दी गई। किस डकैत ने उन्हें चुरा लिया? कर्नाटक के 80 वर्षीय राजनेता ने कहा कि वे देश में संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए यह चुनाव लड़ रहे हैं।
खड़गे ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं द्वारा उनकी उम्मीदवारी का प्रस्ताव रखने के बाद उन्होंने चुनाव में उतरने का फैसला किया।
उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर अपने प्रतिद्वंदी शशि थरूर का नाम लिए बिना कहा कि मैंने जो मुद्दे उठाए हैं, उनके लिए हम सड़क से लेकर संसद तक लड़ेंगे। कई चीजें हैं जिनके खिलाफ हमें एक साथ लड़ना है, जिसमें मुद्रास्फीति, बेरोजगारी, रुपए के मूल्य में गिरावट शामिल है। हमें एक-दूसरे के खिलाफ लड़ने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस नेता ने कहा कि वे सामूहिक नेतृत्व में विश्वास करते हैं और चुने जाने पर सभी से सलाह मशविरा कर उदयपुर चिंतन शिविर की घोषणा को लागू करेंगे।
खड़गे ने कहा कि मैं सामूहिक नेतृत्व में विश्वास करता हूं, उदयपुर घोषणा को लागू करने, जैसे बहुमत के अनुसार कोई भी निर्णय लेने से पहले सभी को विश्वास में लूंगा और सभी से परामर्श करूंगा।" राज्यसभा सांसद ने कहा कि मैं सोनिया गांधी के साथ-साथ राहुल गांधी से भी परामर्श करूंगा क्योंकि वे 20 से अधिक (दोनों) वर्षों से पार्टी प्रमुख हैं और उनके नेतृत्व में हमारी पार्टी ने दो बार (केंद्र में) सरकार बनाई और गरीबों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं बनाईं।
राजस्थान में मई में आयोजित एक कांग्रेस सम्मेलन में अपनाई गई उदयपुर घोषणा में एक व्यक्ति, एक पद और 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों को पार्टी के 50 प्रतिशत पदों की पेशकश जैसे प्रस्तावों को पारित किया गया था। भाषा Edited by Sudhir Sharma