एक सरकारी बयान के अनुसार, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार ने चेतावनी दी है कि उपराज्यपाल से सीधे प्राप्त ऐसा कोई भी आदेश संविधान और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि वैसे आदेशों के क्रियान्वयन को गंभीरता से लिया जाएगा, जो संविधान एवं देश के शीर्ष अदालत के निर्देशों का उल्लंघन है।
दिल्ली की आम आदमी पार्टी नीत सरकार और उपराज्यपाल कार्यालय के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर तकरार जारी है। इनमें सरकारी स्कूल के शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने के सरकार के प्रस्ताव समेत कई अन्य मुद्दे शामिल हैं। पूर्व में भी कई मौकों पर आप नेताओं ने उपराज्यपाल पर आरोप लगाया है कि वह दिल्ली की निर्वाचित सरकार को दरकिनार कर अधिकारियों को सीधे आदेश दे रहे हैं।
इस बीच, सूत्रों ने दावा किया कि निर्वाचित सरकार को जानकारी दिए बिना उप राज्यपाल विभागों के सचिवों को आदेश दे रहे हैं, जो कार्य संचालन नियमावली की नियम संख्या 49-50 और उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है। सूत्र ने दावा किया, निर्देश में कहा गया है कि उपराज्यपाल के ऐसे अवैध प्रत्यक्ष आदेश को लागू करना कार्य संचालन नियमावली की नियम संख्या 57 का उल्लंघन माना जाएगा। (वेबदुनिया/भाषा)