मनमोहन सिंह ने कहा कि एलपीजी (Liberalization, Privatization, Globalization) की नीतियों पर आधारित आर्थिक सुधार जारी रखकर ही रणनीति बनाकर भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनॉमी बनाया जा सकता है। केंद्रीय वित्तमंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह ने 1991 में देश में उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की नीति लागू की थी।
मनमोहन सिंह एक निजी विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। जब मनमोहन सिंह मंच पर आ रहे थे, तब कुछ छात्रों ने मोदी-मोदी के नारे भी लगाए। कार्यक्रम में मनमोहन सिंह को जेकेएलयू लॉरेट अवार्ड 2019 से सम्मानित किया गया। डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि गरीबी, सामाजिक असमानता, सांप्रदायिकता और धार्मिक कट्टरवाद तथा भ्रष्टाचार लोकतंत्र के समक्ष कुछ प्रमुख चुनौतियां हैं।
मनमोहन ने कहा कि भारत को 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए देश को एक अच्छी तरह से सोची-समझी रणनीति की आवश्यकता है। पूर्व प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि सरकार को टैक्स आतंकवाद रोकना चाहिए, भिन्न विचारों की आवाजों का सम्मान करना चाहिए, हर स्तर पर संतुलन बनाना चाहिए। मनमोहन सिंह ने कहा कि उदारीकरण की नीतियों पर खड़े किए गए आर्थिक सुधारों को जारी रखना समय की मांग है।