पर्रिकर ने कहा कि ये कंपनियां विश्व के किसी भी संयंत्र से सैन्य अनुबंध पर हस्ताक्षर कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि ये कंपनिया सभी मायनों में बहुराष्ट्रीय हैं। उनका यूरोप में संयंत्र हो सकता है। उनका विश्व के किसी भी हिस्से में संयंत्र हो सकता है। उनका अमेरिका में संयंत्र हो सकता है वे इन क्षेत्रों में से कहीं से भी उद्धृत की जा सकती हैं, इसलिए यह मेरी चिंता का विषय नहीं है और मैं इसकी ज्यादा चिंता भी नहीं करता क्योंकि व्याख्याओं को गलत तरह से लिया जाता है।