पर्रिकर ने कहा कि लक्षित हमले के बाद पाकिस्तान की हालत सर्जरी के बाद बेहोश रोगी की तरह है जिसे नहीं मालूम कि उसकी सर्जरी हो चुकी है। लक्षित हमले के दो दिन बाद भी पाकिस्तान को नहीं पता कि क्या हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत शांति को पसंद करता है और अनावश्यक हमले में विश्वास नहीं करता, लेकिन वह आतंकवाद को स्वीकार नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि हमले का उद्देश्य पाकिस्तान को संदेश देना था कि भारत के सैनिक पलटवार करना जानते हैं।
सेना की तुलना हनुमान से करते हुए उन्होंने रामायण का जिक्र किया जिसमें हनुमान को जामवंत द्वारा उनकी असाधारण शक्तियों के बारे में याद दिलाने पर वे समुद्र लांघ गए। पर्रिकर ने कहा कि भारतीय सेना हनुमान की तरह है जो लक्षित हमले से पहले अपनी ताकत के बारे में नहीं जानती थी। सटीक कार्रवाई के लिए सेना को बधाई देते हुए मंत्री ने कहा कि उन्होंने अद्वितीय कार्य के लिए सभी सैनिकों को बधाई दी है।
हमले के बाद पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया में पर्रिकर ने कहा कि लक्षित हमले से हमारे सैनिकों को उनकी क्षमता का अंदाजा लगा। हमले के बाद पाकिस्तान किंकर्तव्यविमूढ़ है और समझ नहीं पा रहा है कि क्या प्रतिक्रिया दे। पर्रिकर ने पौड़ी जिले के पीठसेन में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान के अधिकारियों को भनक लगे बगैर हमारे कमांडो ने मनचाहा काम कर दिया।
उत्तराखंड के स्वतंत्रता सेनानी वीर चंद्रसिंह गढ़वाली की प्रतिमा का उनके पैतृक गांव पीठसेन में अनावरण करते हुए रक्षा मंत्री एक सभा को संबोधित कर रहे थे। भारत ने नियंत्रण रेखा के पार सात आतंकवादी ठिकानों पर 28-29 सितंबर की रात को लक्षित हमला किया था जिसमें पीओके के आतंकवादियों को ‘काफी नुकसान’पहुंचा था।
पौड़ी के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री भुवनचंद्र खंडूरी के साथ आए पर्रिकर का स्वागत पीठसेन में पार्टी के वरिष्ठ नेता सतपाल महाराज, पूर्व मुख्यमंत्री भगतसिंह कोश्यारी और रमेश पोखरियाल निशंक के अलावा प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष अजय भट्ट ने किया। (भाषा)